रविवार को देर शाम जेएनयू में बड़ी संख्या में बाहर से आए नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया. इस दौरान जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष समेत कई छात्रों और शिक्षकों को गंभीर चोटें आईं.
जेएनयू परिसर में रविवार देर रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी, जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलानी पड़ी थी.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वॉट्सऐप मैसेज इस ओर इशारा करते हैं कि जो लोग नकाब पहनकर जेएनयू कैंपस में घुसे थे वे एबीवीपी के नेता और कार्यकर्ता हो सकते हैं.
ऑक्सफोर्ड और कोलंबिया विश्वविद्यालय में छात्रों ने एकजुटता दिखाते हुए मार्च किया और परिसर में छात्रों की सुरक्षा की मांग की. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्रों ने जेएनयू में हुई हिंसा का विरोध किया.
जेएनयू में रविवार देर रात छात्रों और शिक्षकों पर हुए बर्बर हमले के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार को इस घटना का ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि या तो वीसी इस्तीफ़ा दें या मानव संसाधन विकास मंत्रालय उन्हें पद से हटाए.
अरुंधति रॉय ने 25 दिसंबर को दिल्ली यूनिवर्सिटी में एनपीआर को लेकर कहा था कि यह भी एनआरसी का ही हिस्सा है. जब सरकारी मुलाज़िम एनपीआर के लिए जानकारी मांगने आपके घर आएं तो उन्हें अपना नाम रंगा-बिल्ला बता दें और अपने घर का पता देने के बजाय प्रधानमंत्री आवास का पता लिखवा दें.
इस सवाल को निंदनीय और सांप्रदायिक रंग देने वाला बताते हुए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जांच के आदेश दिए हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय में 264 प्रोफेसरों की कुल स्वीकृत संख्या में अनुसूचित जाति श्रेणी के केवल तीन व्यक्ति डीयू के विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यरत है जबकि अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व नहीं है.
यह सही है कि विभाजन से भारतीय मुसलमानों का सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ, लेकिन इसके लिए जिन्ना या मुस्लिम लीग को क़सूरवार ठहराना इतिहास का सही पाठ नहीं है.
भारतीय राजनीति में जिन्ना के बरक्स अगर किसी दूसरे व्यक्तित्व को खड़ा किया जा सकता है तो वो हैं वीर सावरकर. संयोग नहीं है कि अपनी ज़िंदगी के पहले हिस्से की उपलब्धियों को अपनी बाद की ज़िंदगी में धो डालने वाले यह दोनों नेता विभाजन के द्विराष्ट्र सिद्धांत के पैरोकार थे.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद को देखते हुए प्रशासन ने उठाया क़दम. ज़िले में धारा 144 भी लागू.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर मोहम्मद सज्जाद का कहना है कि सरकार की तरह एएमयू इतिहास को अपने हिसाब से तोड़ने-मरोड़ने में विश्वास नहीं रखता.
डूसू के पूर्व अध्यक्ष सतेंद्र अवाना द्वारा सेमेस्टर परीक्षा के दौरान उन्हें नकल करते हुए पकड़ने वाली महिला प्राध्यापक को धमकाने के मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने यह टिप्पणी की.
इस कार्यक्रम में समाजशास्त्री सतीश देशपांडे, अभिनेता माया राव, गायक सोनम कालरा और महिला अधिकार कार्यकर्ता आभा भैया को आमंत्रित किया गया था.
जन गण मन की बात की 95वीं कड़ी में विनोद दुआ जीएसटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में हुए विवाद पर आई पुलिस रिपोर्ट पर चर्चा कर रहे हैं.