देश में कोविड-19 महामारी के शुरुआती दिनों में वहां पिछले साल तबलीगी जमात का एक धार्मिक कार्यक्रम हुआ था और इसे पिछले साल 31 मार्च से बंद रखा गया है. दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड ने नियमों में ढील दिए जाने की मांग करते हुए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था.
वीडियो: दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड में काम करने वालों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है. इनमें 30 प्रतिशत स्थायी सदस्य हैं जिन्हें 5 महीने से और 70 प्रतिशत संविदा पर हैं जिन्हें 9 महीने से वेतन नहीं मिला है. प्रभात कुमार और चिन्मय ग्यामलानी की रिपोर्ट.
दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड की ओर से मस्जिदों से कहा गया है कि वे कोरोना वायरस महामारी से संबंधित सरकार के विभिन्न दिशा-निर्देशों के बारे में जागरूकता फैलाएं. दिशा-निर्देशों को हर अज़ान के बाद चलाएं.