एडीआर ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के 230 दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी भाजपा, राकांपा, भाकपा, जदयू, राजद, रालोद समेत कई दलों द्वारा अब तक उनके चुनावी ख़र्च की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और दिल्ली इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में केवल आठ विधायक हैं, जिनके ख़िलाफ़ कोई केस दर्ज नहीं है और उन्होंने उन प्रत्याशियों को हराया, जिनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
भाजपा ने बीते दिनों खजुराहो से सांसद विष्णुदत्त शर्मा को प्रदेशाध्यक्ष बनाया है. मूल रूप से एबीवीपी से आने वाले शर्मा प्रदेश राजनीति में बेहद कम पहचान रखते हैं, ऐसे में राज्य में पार्टी के बड़े नामों को छोड़कर उन्हें चुनने के फ़ैसले पर सवाल उठ रहे हैं.
भाजपा का एजेंडा चुनाव की जीत से कहीं ज़्यादा बड़ा है.
दिल्ली के रामलीला मैदान में हुए समारोह में अरविंद केजरीवाल ने लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेदारी संभाली. उनके साथ कैबिनेट के छह मंत्रियों ने भी शपथ ली है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के एकाएक गायब होने के चलते उनकी पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच सीधा मुक़ाबला हो गया, जिसके कारण भाजपा की हार हुई.
देश के चुनावी इतिहास में किसी क्षेत्रीय दल के लगातार दो बार पचास फ़ीसदी से अधिक मत प्रतिशत के साथ सत्ता में वापसी का उदाहरण नहीं है. जहां 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 67 सीटें और 54.3 प्रतिशत वोट मिले थे, वहीं इस बार पार्टी ने 53.54 मत प्रतिशत के साथ 62 सीटें जीती है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की बुरी हार के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा पर निशाना साधने के साथ ही आम आदमी पार्टी की जमकर तारीफ़ की थी. चिदंबरम ने कहा था कि आप की जीत बेवक़ूफ़ बनाने तथा फेंकने वालों की हार है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मंगलवार को आए परिणामों के मुताबिक भाजपा के दो निवर्तमान विधायकों सहित कुल 44 निवर्तमान विधायक अपनी सीटें बचाने में कामयाब रहे.
पुलिस ने बताया कि नवनिर्वाचित विधायक नरेश यादव और उनके समर्थक विधायक के निर्वाचन क्षेत्र महरौली में एक मंदिर में पूजा-अर्चना कर लौट रहे थे. सूत्रों के अनुसार महरौली के विधायक के काफिले पर सात गोलियां चलाई गईं.
दिल्ली की जनता ने उन नेताओं तथा उम्मीदवारों को खारिज कर दिया जिन्होंने इस चुनाव के दौरान अथवा इससे पहले विवादित बयान दिए थे.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की वापसी के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि पार्टी जनादेश का सम्मान करती है और इस बात की समीक्षा की जाएगी कि वह अपनी उम्मीदों को हासिल करने में क्यों विफल रही.
2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 67 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी को इस बार 62 सीटें हासिल हुई हैं. वहीं, भाजपा को इस बार आठ सीटें मिली हैं. पिछले चुनाव में शून्य पर रही कांग्रेस इस बार भी खाता नहीं खोल सकी और उसके 63 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई.
पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि आप की जीत बेवक़ूफ़ बनाने तथा फेंकने वालों की हार है. दिल्ली के लोगों ने भाजपा के ध्रुवीकरण, विभाजनकारी और ख़तरनाक एजेंडे को हराया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली में छात्रों और महिलाओं का शोषण किया. पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारा जवाब मिला है. बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को इसी तरह के परिणामों का सामना करना होगा. केवल विकास के कदम ही लोगों पर छाप छोड़ेंगे.