मरीज़ को निवास प्रमाण-पत्र के आधार पर अस्पताल में भर्ती से इनकार नहीं किया जा सकता: अदालत

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह निर्देश दिया कि वह दो हफ़्ते के भीतर अस्पताल में मरीज़ों को भर्ती करने की राष्ट्रीय नीति बनाए. इधर, हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कोविड-19 संबंधी दवाएं और उपकरण आदि अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से ज़्यादा पर न बेचे जाएं.

केंद्र की कोविड वैक्सीन नीति जैसी बनाई गई है, उससे स्वास्थ्य के अधिकार को क्षति पहुंचेगी: कोर्ट

शीर्ष अदालत ने कहा कि विभिन्न वर्गों के नागरिकों के बीच भेदभाव नहीं किया जा सकता है, जो समान हालात का सामना कर रहे हैं. केंद्र सरकार 45 साल और उससे अधिक उम्र की आबादी के लिए मुफ़्ते कोविड टीके प्रदान करने का भार वहन करेगी, राज्य सरकारें 18 से 44 आयु वर्ग की ज़िम्मेदारी का निर्वहन करेंगी, ऐसी शर्तों पर बातचीत कर सकते हैं. केंद्र को अपनी मौजूदा टीका नीति पर फिर से ग़ौर करना चाहिए.

ऑक्सीजन आपूर्ति संबंधी अवमानना कार्रवाई आदेश वापस लेने के लिए केंद्र ने अदालत से अनुरोध किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि केंद्र सुनिश्चित करे कि दिल्ली को आवंटित मात्रा 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिले और चेतावनी दी थी कि इसमें असफल होने पर वह अवमानना की कार्यवाही कर सकती है. केंद्र की ओर से कहा गया है कि उसके अधिकारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं. ऐसे आदेशों से उनके मनोबल पर ग़लत प्रभाव पड़ेगा.

13 विपक्षी नेताओं ने केंद्र से बड़े पैमाने पर मुफ़्त टीकाकरण अभियान शुरू करने की मांग की

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत 13 दलों के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि केंद्र सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें.

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर राज्य सरकार को लगाई फटकार

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि अख़बारों में प्रकाशित ख़बरों के अनुसार पिछले दो हफ़्तों में ऐसी तमाम घटनाएं हुई हैं, जिसमें ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा और ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोगों ने जान गंवा दी. इस बीच राज्य के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया कि अब प्रदेश में चिकित्सकीय ऑक्सीजन संबंधी कोई दिक्कत नहीं है.

पानी सिर के ऊपर से गुज़र चुका है, केंद्र दिल्ली को 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति करे: अदालत

दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि केंद्र सुनिश्चित करे कि दिल्ली को आवंटित मात्रा 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिले और चेतावनी दी कि इसमें असफल होने पर वह अवमानना की कार्यवाही कर सकती है. इस बीच केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि दिल्ली का दैनिक ऑक्सीजन कोटा बढ़ाकर 590 मीट्रिक टन कर दिया गया है. वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि रोज़ाना 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है.

कोविड: सुप्रीम कोर्ट ने चेताया, इंटरनेट पर मदद मांग रहे लोगों पर कोई रोक नहीं लगा सकते

कोविड-19 प्रबंधन पर राष्ट्रीय नीति बनाने के लिए स्वत: संज्ञान मामले पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने साफ किया कि सोशल मीडिया पर लोगों से मदद के आह्वान सहित सूचना के स्वतंत्र प्रवाह को रोकने के किसी भी प्रयास को न्यायालय की अवमानना माना जाएगा.

अदालत ने केंद्र से पूछा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को मांग से अधिक पर दिल्ली को कम ऑक्सीजन क्यों

केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार अदालत के सवाल पर हलफ़नामा देगी और मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र को अधिक ऑक्सीजन देने का कारण बताएगी. इस बीच केंद्र ने राज्यों से शुक्रवार को कहा कि वे उपलब्ध ऑक्सीजन को महत्वपूर्ण वस्तु की तरह लें और निजी अस्पतालों समेत सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत की समीक्षा करवाएं.

ऐसा लगता है केंद्र चाहता है लोग मरते रहें: रेमडेसिविर को लेकर नए प्रोटोकॉल पर दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी की भरपाई के लिए प्रोटोकॉल ही बदल दिया है. यह सरासर कुप्रबंधन है. इसके अलावा अदालत ने दिल्ली सरकार ने कहा है कि वह कोरोना ऐप में संशोधन पर विचार करे और ऐप में यह जानकारी दी जाए कि कौन से बिस्तर ऑक्सीजन से लैस हैं और कौन से नहीं हैं.

कोविड-19: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा, ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना केंद्र का काम

ऑक्सीजन टैंकरों को विभिन्न राज्यों द्वारा रोकने के संबंध में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य सहित हर राज्य से यह अपेक्षा की जाती है कि वह ऑक्सीजन की आवाजाही को बाधित न करें. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से अस्पतालों में समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा आ सकती है, जो संकट के इस समय में जीवन बचाने के लिए महत्वपूर्ण है.

ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों को मुआवज़ा देना होगा, ज़िम्मेदारी राज्य की है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पतालों के नर्सिंग होम में हुईं मौतों के संबंध में रिपोर्ट दाख़िल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया कि वह ऑक्सीजन सिलेंडरों और कोविड रोगियों के इलाज से जुड़ीं महत्वपूर्ण दवाओं की कालाबाज़ारी रोके तथा ऑक्सीजन वितरण से जुड़े मुद्दे का समाधान करे.

राष्ट्रीय संकट पर मूकदर्शक बने नहीं रह सकते, हाईकोर्ट को दबाने का उद्देश्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

कोविड-19 मामलों में बेतहाशा वृद्धि को ‘राष्ट्रीय संकट’ बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि हाईकोर्ट क्षेत्रीय सीमाओं के भीतर महामारी की स्थिति पर नज़र रखने के लिए बेहतर स्थिति में है और सुप्रीम कोर्ट पूरक भूमिका निभा रहा है तथा उसके ‘हस्तक्षेप को सही परिप्रेक्ष्य में समझना चाहिए’ क्योंकि कुछ मामले क्षेत्रीय सीमाओं से भी आगे हैं.

जजों के लिए पांच सितारा होटल में कोविड केंद्र बनाने का अनुरोध नहीं किया गया: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली में चाणक्यपुरी की एसडीएम गीता ग्रोवर ने अशोका होटल में 100 रूम अलग करने और एक कोविड हेल्थ केयर सुविधा केंद्र में तब्दील करने के लिए उन्हें प्राइमस अस्पताल को सौंपने का एक आदेश जारी किया था. दिल्ली सरकार ने अब इस आदेश को वापस ले लिया है.

दिल्ली सरकार ने पांच सितारा होटल में हाईकोर्ट जजों के लिए कोविड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया

दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने पांच सितारा अशोका होटल में हाईकोर्ट के जजों, न्यायिक अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए एक विशेष कोविड हेल्थ केयर केंद्र स्थापित करने का फैसला लिया है. महामारी के दौर में जब आम नागरिकों के लिए बेड और ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हैं, तब जजों के लिए ऐसी सुविधा पर लोग सवाल उठा रहे हैं.

ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित करने वाले को लटका देंगे, हम किसी को नहीं बख़्शेंगे: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों द्वारा दायर ऑक्सीजन की कमी संबंधी मामले सुनते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से महामारी की चरम स्थिति आने पर इंफ्रास्ट्रक्चर, अस्पताल, चिकित्साकर्मियों, दवाई, टीका और ऑक्सीजन के आशय में तैयारियों को लेकर सवाल करते हुए कहा कि हम इसे लहर कह रहे हैं, यह असल में एक सुनामी है.