गुजरात के स्टर्लिंग बायोटेक समूह के मालिकों और अन्य के ख़िलाफ़ 8,100 करोड़ रुपये के बैंक क़र्ज़ धोखाधड़ी मामले को सुन रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा कहा कि यह बेहद शर्मिंदा करने वाला है कि उनके एक सहपाठी ने एक आरोपी की ओर से उनसे संपर्क किया, जिसके चलते वे केस से हट रहे हैं.
2012 में क़रीब 81 करोड़ रुपये का क़र्ज़ न चुकाने पर स्टेट बैंक ऑफ मैसूर ने स्टर्लिंग समूह के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करवाया था. 2014 में इसके प्रमोटर्स को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया. लेकिन 2015 में आरबीआई के नियम के ख़िलाफ़ समूह की एक कंपनी को स्टेट बैंक के कंसोर्टियम द्वारा लोन दिया गया.
विशेष रिपोर्ट: किसी ज़माने में वड़ोदरा के कारोबारी समुदाय के बीच चर्चा के केंद्र रहे संदेसरा भाइयों को करीब 5,000 करोड़ रुपये के क़र्ज़ का विलफुल डिफॉल्टर माना जा रहा है, साथ ही उन्हें सरकार द्वारा आर्थिक भगोड़ा भी घोषित कर दिया गया है. हालिया सीबीआई विवाद में एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के स्टर्लिंग बायोटेक के मालिकों से नज़दीकी की बात सामने आई है.