मध्य प्रदेश: कंप्यूटर बाबा गिरफ़्तार, दिग्विजय सिंह ने कहा- राजनीतिक प्रतिशोध की चरम सीमा

इंदौर ज़िला प्रशासन ने कंप्यूटर बाबा के आश्रम में कथित अवैध निर्माणों को तोड़ते हुए बाबा समेत सात लोगों को हिरासत में लिया है. बीते दिनों उपचुनाव में बाबा कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों को 'गद्दार' बताते हुए उनके ख़िलाफ़ चुनाव प्रचार कर रहे थे, जिनके भाजपा में शामिल होने से कमलनाथ सरकार गिरी थी.

सरदार सरोवर: सरकारी आकलन से कहीं ज़्यादा है बाढ़ और डूब के प्रभावितों की संख्या

बीते दिनों नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के पुनर्वास आयुक्‍त ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्‍वीकारा कि विस्‍थापितों और प्रभावितों के आकलन में ‘टोपो शीट’ पर पेंसिल से निशान लगाने की पद्धति का इस्‍तेमाल किया गया. बोलचाल में नजरिया सर्वे कही जाने वाली इस तरकीब में अंदाज़े से डूबने वाली हर चीज और जीती-जागती इंसानी बसाहटों को चिह्नित कर विस्‍थापित घोषित कर दिया गया था.

गुजरात: सरदार सरोवर का जलस्तर बढ़ने से नर्मदा में बाढ़, करीब चार हज़ार लोगों को निकाला गया

सरदार सरोवर बांध से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की वजह से नर्मदा का जलस्तर 31 फुट से ऊपर पहुंच चुका है, जो ख़तरे के निशान से तीन फुट ज़्यादा है.

सरदार सरोवर बांध के पानी से मध्य प्रदेश का निसरपुर गांव डूबा, सैकड़ों लोग पलायन को मजबूर

गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के बैकवॉटर के बढ़ते स्तर से मध्य प्रदेश में इस नदी के पास स्थित हजारों पेड़ों और खेतों के अलावा रिहायशी इलाके भी डूब रहे हैं.

सरदार सरोवर: बढ़ता जलस्तर, ख़तरे में ज़िंदगियां

नई दिल्ली के जंतर मंतर पर सरदार सरोवर बांध का जलस्तर घटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने आए मध्य प्रदेश के ग्रामीणों और नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं से संतोषी मरकाम की बातचीत.

गुजरात: 3000 करोड़ की लागत से बने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की दर्शक दीर्घा में पानी घुसा

गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया में अपनी तरह की सबसे ऊंची प्रतिमा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 31 अक्टूबर को उसका उद्घाटन किया था.

नर्मदा नदी न्यास अध्यक्ष की कुर्सी संभालते ही कम्प्यूटर बाबा ने हेलीकॉप्टर की मांग की

कम्प्यूटर बाबा का कहना है कि अगर नदियों को बचाना है तो इसके लिए उन्हें आधुनिक अस्त्र-शस्त्र की भी जरूरत होगी. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आठ मार्च को कम्प्यूटर बाबा को नदी न्यास का अध्यक्ष नियुक्त किया था.

शिवराज सिंह चौहान के दावों के उलट नर्मदा की सेहत और बिगड़ती जा रही है

ग्राउंड रिपोर्ट: मध्य प्रदेश के अमरकंटक से निकलने वाली नर्मदा नदी तब से ही चुनावी सुर्ख़ियों में है जब से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘नर्मदा सेवा यात्रा’ लेकर निकले थे. नर्मदा की सफाई, संरक्षण और नदी किनारे पौधारोपण व अवैध रेत खनन पर रोकथाम को लेकर उन्होंने अनगिनत घोषणाएं कीं, लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही नज़र आती है.

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण, कई आदिवासी कार्यकर्ता और नेता हिरासत में

सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के नर्मदा ज़िले के केवड़िया में उनकी 182 फुट ऊंची प्रतिमा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया अनावरण. 72 गांवों के क़रीब 75,000 आदिवासी प्रतिमा के अनावरण का विरोध करने को कहा था.

शिवराज सिंह चौहान: ‘पप्पू’ से ‘मामा’ तक का सफ़र

विशेष रिपोर्ट: बाहरी तौर पर शिवराज सिंह चौहान आरएसएस के तय मानकों से ज़्यादा सेकुलर लगते हैं, लेकिन निजी रूप में वे नरेंद्र मोदी की तरह कट्टर हिंदुत्व में विश्वास रखते हैं.

मध्य प्रदेश में बढ़ता जल संकट, 165 बड़े बांधों में से 65 सूखे

प्रदेश के कुल 378 स्थानीय नगरीय निकायों में से 11 में चार दिन में एक बार पानी की आपूर्ति हो रही है. 50 निकायों में तीन दिन में एक बार और 117 निकायों में एक दिन छोड़कर पानी की आपूर्ति की जा रही है.

गुजरात: किसानों को सिंचाई के लिए मिलना बंद हुआ नर्मदा का पानी

सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात के लिए बेहद महत्वपूर्ण बांध का जलस्तर 105.50 मीटर के बहुत नाजुक स्तर पर पहुंच गया है.

देश में बीते चार साल का इतिहास चुनावी जीत के साथ चुनावी झूठ का भी है

गुजरात में विधानसभा चुनाव के वक़्त नर्मदा के पानी को लेकर जनता को सपने दिखाए गए लेकिन अब गर्मी आने से पहले सरकार ने कह दिया है कि सिंचाई के लिए जलाशय का पानी नहीं मिलेगा.

गुजरात के चार ज़िलों के किसानों को सिंचाई के लिए नहीं मिलेगा नर्मदा का पानी

गुजरात की भाजपा सरकार ने 15 फरवरी से राज्य के चार ज़िलों- सुरेंद्रनगर, बोताड, भावनगर और अहमदाबाद में नर्मदा के पानी पर रोक लगाई. इससे पहले यह समयसीमा 15 मार्च थी.

गुजरात विधानसभा चुनाव: आदिवासी ज़िले तापी में मोदी के विकास का साइड इफेक्ट दिखता है

ग्राउंड रिपोर्ट: ज़िले के विभिन्न गांवों में रहने वाले आदिवासियों का कहना है कि उनकी ज़िंदगियों से विकास कोसों दूर है.