उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में तीन जनवरी की शाम को मंदिर में पूजा करने गईं पचास साल की महिला के साथ मंदिर के महंत सहित तीन लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया और घायल अवस्था में महिला को उसके घर के सामने फेंककर फ़रार हो गए थे. इलाज के दौरान अस्पताल में महिला की मौत हो गई थी.
उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले की घटना. आरोप है कि तीन जनवरी की शाम महिला मंदिर में पूजा करने गई थी, जहां उसका सामूहिक बलात्कार किया गया. कांग्रेस ने इस घटना की तुलना निर्भया मामले से करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की निंदा की है.
पंजाब चुनाव आयोग के एक विज्ञापन में निर्भया बलात्कार के एक दोषी को आदर्श मतदाता बताया गया है, जिस पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है. निर्भया की मां की शिकायत पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है.
2012 के निर्भया कांड के बाद संविधान संशोधन के द्वारा आईपीसी की धारा 376 (ई) के तहत बार-बार बलात्कार के दोषियों को उम्रक़ैद या मौत की सज़ा का प्रावधान किया गया था. इस प्रावधान के तहत 2014 में मौत की सज़ा पाने वाले शक्ति मिल्स सामूहिक बलात्कार कांड के तीन दोषियों ने इस धारा की संवैधानिकता को चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को निर्देश दिया कि मृत और मानसिक रूप से अस्वस्थ पीड़ितों की पहचान किसी भी तरह से उजागर नहीं की जा सकती है, चाहे इसमें माता-पिता की सहमति ही क्यों न हों. कोर्ट ने समाचार चैनलों से ऐसे मुद्दे को टीआरपी के लिए सनसनी बनाने से बचने को कहा.
मंदसौर जैसी भयावह घटना के आरोपी के समर्थन में चुप्पी की बात वही कर सकते हैं जो ख़ुद चुप रहते हैं और सांप्रदायिक माहौल बनाने के लिए दूसरे की चुप्पी का हिसाब करते हैं.
थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के सर्वे में 193 देशों को शामिल किया गया था, जिनमें से महिलाओं के लिए बदतर शीर्ष 10 देशों का चयन किया गया. सूची में युद्धग्रस्त अफगानिस्तान और सीरिया दूसरे और तीसरे, सोमालिया चौथे और सउदी अरब पांचवें स्थान पर है.
कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई और दो मंत्रियों का आरोपियों के पक्ष में खड़ा होना शर्मनाक है.
योगी सरकार से पूछना चाहिए कि यह बेटियों की सुरक्षा है या छल? जिस मीडिया को पूछना चाहिए उसने तो अखिलेश सरकार के जाने के बाद जंगलराज ख़त्म मान लिया है.
पुलिस ने शिकायत के बावजूद बरती लापरवाही, घटना में छह और लोगों के भी शामिल होने की आशंका.
एक तरफ़ महिला सुरक्षा के लिए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे अभियान चल रहे हैं, दूसरी तरफ़, महिलाओं के ख़िलाफ़ यौन अपराध और हिंसा में कमी नहीं आ रही है.
सामूहिक बलात्कार की घटना की पीड़िता ज्योति सिंह (निर्भया) की मां ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दोषियों को मौत की सजा देने से वह संतुष्ट हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि चारों दोषियों को रियायत नहीं दी जा सकती. यह एक जघन्य अपराध था.