बाल आसरा घरों पर एनसीपीसीआर की रिपोर्ट ‘खौफनाक’, हम असहाय हैं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हम कोई निर्देश देते हैं तो उसे 'न्यायिक सक्रियतावाद' करार दे दिया जाता है. यदि अधिकारियों ने ठीक से अपना काम किया होता तो बिहार में मुजफ्फरपुर जैसी घटनाएं नहीं होतीं.