बलात्कार और हत्या मामले में रोहतक जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 24 अक्टूबर को एक दिन की पैरोल दी गई थी. इसकी जानकारी सिर्फ़ मुख्यमंत्री और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को ही थी, यहां तक कि सुरक्षाकर्मियों को भी नहीं पता था कि पुलिस के वाहन में वे किसे ले जा रहे हैं.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सभी धार्मिक स्थलों को खोलने और कोरोना संक्रमण के चलते धार्मिक प्रतिष्ठानों पर लगाए गए प्रतिबंधों को असंवैधानिक करार देने की मांग की गई थी.
अगस्त 2017 में अपनी दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से गुरमीत राम रहीम हरियाणा की सुनारिया जेल में बंद है.
कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी आरडब्ल्यूए दो जुलाई तक आरटीआई एक्ट के तहत जन सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय प्राधिकारी की नियुक्ति करें.
वर्ष 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. रामचंद्र ने अपने अख़बार ‘पूरा सच’ में प्रकाशित एक लेख में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया था.
वर्ष 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. रामचंद्र ने अपने अख़बार ‘पूरा सच’ में प्रकाशित एक लेख में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया था.
एक हिंदू महिला और मुस्लिम शख़्स ने हाईकोर्ट से राहत मांगी है कि वे गुरुग्राम डिस्ट्रिक्ट मैरिज अधिकारी को निर्देश दे कि उनकी शादी का नोटिस उनके घर न भेजा जाए. कोर्ट ने कहा कि मांगी गई कुछ सूचनाएं निजता का उल्लंघन करती हैं. इस प्रक्रिया में एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में बदलते वक़्त की मानसिकता झलकनी चाहिए.
हरियाणा सरकार के वकील ने अदालत में कहा, जब तक राज्य सरकार की एजेंसी की जांच में कमी नहीं मिलती, तब तक सीबीआई जांच की मांग ग़लत है.
दो साध्वियों से बलात्कार के मामले में गुरमीत राम रहीम को विशेष सीबीआई अदालत ने 20 साल की सज़ा के साथ 30 लाख रुपये ज़ुर्माना भरने का आदेश दिया था.
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे ने गुरमीत को सज़ा होने पर कहा, लोगों ने डेरे में हो रही आपत्तिजनक गतिविधियों पर विश्वास नहीं किया था, लेकिन कोर्ट में यह साबित हो गया.
गुरमीत राम रहीम के डेरे में रहने वाली साध्वी का यह अनाम पत्र सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने 2002 में अपने अख़बार 'पूरा सच' में प्रकाशित किया था, जिसके बाद यह मामला सामने आया.
डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम सिंह को बलात्कार के आरोप में दोषी पाए जाने के बाद भाजपा सांसद साक्षी महाराज उनके समर्थन में उतर आए हैं.