मामला खंडवा ज़िले का है, जहां रविवार को ग्रामीणों की भीड़ ने आठ ट्रकों में गोवंश ले जा रहे लोगों पकड़कर उनके हाथ रस्सी से बांधे, खदेड़ते हुए थाने तक लेकर गए और गोमाता की जय के नारे लगवाए.
बीते 4 जुलाई को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूरे पशु समाज को एक जीवित व्यक्ति के अधिकार, कर्तव्यों और देनदारियों के साथ एक क़ानूनी इकाई घोषित कर दिया था. 2017 में इसी कोर्ट ने गंगा को एक जीवित इकाई के रूप में मान्यता दी थी.