सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक 52 देशों की यात्रा कर चुके हैं. इस दौरान कुल 165 दिन वह विदेशों में रहे हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पीएमओ और केंद्र ने हमारी सरकार के कामकाज में रोड़े अटकाने के लिए उपराज्यपाल, आईएएस अधिकारियों और सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग एवं दिल्ली जैसी एजेंसियों को लगा रखा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय की नई पहल कामयाब होती है तो संघ लोक सेवा आयोग द्वारा कराई जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करना ही आपकी पसंद की अखिल भारतीय सेवा में दाखिल होने के लिए काफी नहीं रह जाएगा.
पीरामल द्वारा मानहानि की धमकी पर द वायर ने कहा, ‘जनता को मंत्रियों के कारोबारी लेन-देन के बारे में जानने का पूरा हक़ है, ख़ासकर अगर उसमें हितों का टकराव संभावित हो और ऐसे मामलों पर रिपोर्ट करना मीडिया का दायित्व है.’
फ्लैशनेट इन्फो सॉल्यूशंस (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड से लेकर शिरडी इंडस्ट्रीज़ तक, मोदी सरकार के मंत्री पीयूष गोयल ने अपने मुख्य कारोबार से जुड़ी जानकारियां छुपाई हैं.
आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना आयुक्त से शिकायत की थी कि पीएमओ और रिज़र्व बैंक ने उन्हें सूचना उपलब्ध नहीं कराई.
लगभग सभी सरकारें कहीं न कहीं स्वतंत्र मीडिया व ईमानदारी से काम करने वाले पत्रकारों व मीडिया संस्थाओं से घबराती हैं. उन्हें अपनी ग़लत नीतियों व फैसलों की आलोचना ज़रा भी बर्दाश्त नहीं होती.
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है फ़र्ज़ी ख़बरों से निपटने की ज़िम्मेदारी प्रेस काउंसिल और न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन की होनी चाहिए.
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं के संबंध में घाटे में चल रही एयर इंडिया को 118.72 करोड़ रुपये चुकाया जाना बाकी है.
सूचना का अधिकार कानून की धारा 8(1)(जे) के तहत निजी सूचना से जुड़ी ऐसी जानकारियां नहीं देने की छूट है जिनका व्यापक जनहित से कोई संबंध नहीं है या जिससे किसी व्यक्ति की निजता में अवांछित दखल होता हो.
वित्त मंत्रालय और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी ने आरटीआई के तहत काले धन को लेकर मांगे गए रिसर्च रिपोर्ट को उजागर करने से इनकार कर दिया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने नोटबंदी से संबंधित सूचना देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी आरटीआई कानून के तहत ‘सूचना’ के दायरे में नहीं आती. इससे देश के आर्थिक हित प्रभावित होंगे.
पीएमओ ने नीति आयोग से खस्ताहाल सरकारी कंपनियों की व्यावहारिकता परखने को कहा था. आयोग दे चुका है विनिवेश की सलाह.
मुख्य सूचना आयुक्त ने पीएमओ द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों के नाम ज़ाहिर करने पर जताई गई आपत्ति को ख़ारिज कर दिया.
केंद्र और दिल्ली सरकार से आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी जानकारी.