उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के बदौसा क्षेत्र का मामला है. परिजनों ने बताया कि चार साल पहले उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड से एक लाख रुपये क़र्ज़ लिया था, जिसे वापस नहीं कर पाए थे. दो बेटियों की शादी तय हो गई थी और घर में आर्थिक तंगी थी.
राजस्थान सरकार ने टिड्डियों के हमलों से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए दो हेक्टयर तक की सीमा तय की है और जो राशि सरकार दे रही है वो फसलों के लागत मूल्य से भी कम है. राज्य ने फसल बीमा के तहत भी लाभ प्राप्त करने से कई ज़िलों को बाहर कर दिया है.
महाराष्ट्र के भंडारा ज़िले में फसल नष्ट करने के बाद गोंदिया की तरफ बढ़ा टिड्डी दल. हरियाणा में हाई अलर्ट. दिल्ली सरकार ने संभावित टिड्डी हमले के मद्देनजर परामर्श जारी किया. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने टिड्डी नियंत्रण अभियान की समीक्षा की.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले सीजन में टिड्डी हमलों के कारण राजस्थान के सात जिले और गुजरात के तीन जिले प्रभावित हुए थे.
इन दिनों उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के 11 ज़िले और गुजरात के कुछ क्षेत्रों के किसान टिड्डियों के हमले से प्रभावित हैं. सरकारी अधिकारियों के अनुसार टिड्डियों के हमले से तक़रीबन 3.70 लाख हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो चुकी है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि कृषि क्षेत्र में पानी की खपत कम करने की ज़रूरत है. अत्यधिक सिंचाई से पानी और बिजली दोनों की बर्बादी होती है और उर्वरकों की क्षमता भी कम हो जाती है.
महाराष्ट्र के सहकारिता एवं पुनर्वास मंत्री सुभाष देशमुख ने विधानसभा में बताया कि साल 2015 से 2018 के दौरान जिन 12,021 किसानों ने आत्महत्या की, उनमें से 6,888 किसान सरकारी मदद पाने के योग्य थे.
जन गण मन की बात की 270वीं कड़ी में विनोद दुआ फेक न्यूज़, ट्रोलिंग और लिंचिंग की घटनाओं के लिए सोशल मीडिया को ज़िम्मेदार ठहराने की प्रवृत्ति और केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में किए गए बदलाव पर चर्चा कर रहे हैं.
सीताराम येचुरी ने कहा, कृषि विकास दर 4.5 प्रतिशत से घटकर 2.1 प्रतिशत हुई, किसान आत्महत्याएं ख़तरनाक स्तर पर पहुंचीं, क़र्ज़माफ़ी सिर्फ़ बड़े कॉरपोरेट डिफॉल्टर्स के लिए.
साल 2017 एक तरह से किसान आंदोलनों का साल रहा. पूरे बरस भर देश के किसी न किसी हिस्से में किसान आंदोलन करते रहे.
विशेषज्ञों का कहना है कि कृषि क्षेत्र में संकट बढ़ रहा है. उपज का दाम समर्थन मूल्य से नीचे आता है, तो किसानों को मुश्किल होगी. पिछले दो साल में किसानों की आमदनी बुरी तरह प्रभावित हुई है.
राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों में जनवरी से अब तक 907 किसानों ने क़र्ज़ और फ़सल ख़राब होने के चलते आत्महत्या कर ली.
कांग्रेस ने कहा किसानों को छल रही है वसुंधरा सरकार. ओडिशा में किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा का प्रदर्शन.
देश भर के किसान एकजुट होकर लड़ रहे हैं तो दूसरी ओर पूरे देश में किसान आत्महत्याएं भी जारी हैं. महाराष्ट्र में क़र्ज़ माफ़ी के बाद 5 महीने में 1,020 किसान आत्महत्या कर चुके हैं.
किसान संसद ने कहा, देश भर के 184 किसान संगठन बिना न्यूनतम समर्थन मूल्य के एक भी बोरा अनाज बिकने नहीं देंगे.