भारतीय सैनिकों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी घुसपैठ का पता लगाए जाने के बाद पूर्वी लद्दाख में पिछले साल मई की शुरुआत से ही भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कई बार झड़प हुई थीं.
बीते साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. झड़प में चीनी सेना को नुकसान होने की बात भी कही गई थी, लेकिन चीन ने आधिकारिक तौर पर शुक्रवार से पहले ये स्वीकार नहीं किया था कि इस घटना में उसके भी सैनिक मारे गए थे.
शंघाई सहयोग सम्मेलन में नरेंद्र मोदी ने कहा, एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें सभी राष्ट्र
भारत-चीन के बीच सीमा पर हुए तनाव के बाद शंघाई सहयोग संगठन के वर्चुअल सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहली बार आमने-सामने थे. सम्मेलन की अध्यक्षता रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने की, जहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद रहे.
न्यूयॉर्क में हुए एक कार्यक्रम में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में हथियारों से लैस चीनी सैनिकों की मौजूदगी भारत के समक्ष ‘बहुत गंभीर’ सुरक्षा चुनौती है.
जून महीने में चीन के साथ सीमा पर हुए गतिरोध के बीच पीटीआई द्वारा भारत में चीन के राजदूत का इंटरव्यू करने पर सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती ने उसकी कवरेज को देशविरोधी क़रार देते हुए उसके साथ सभी संबंध तोड़ने की धमकी दी थी.
केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि पिछले छह महीने में भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ का कोई मामला सामने नहीं आया है. सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने कहा कि यह गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय जवानों की शहादत का अपमान है. चीन से लगी सीमा पर गतिरोध को लेकर सरकार स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पैंगोंग झील का दक्षिणी किनारा भारत और चीन के बीच टकराव का नया केंद्र बन गया है. चीनी प्रवक्ता झांग शिउली ने दावा किया है कि भारतीय सैनिकों ने वॉर्निंग शॉट्स फायर किए हैं. भारतीय सेना ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि उकसावे की कार्रवाई चीन की तरफ से ही हुई है.
मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में सीमा पर विवाद बढ़ने के बाद दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर की यह पहली बैठक थी. भारत और चीन के बीच पीछे हटने और तनाव कम करने पर सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता जुलाई के मध्य से आगे नहीं बढ़ पाई है.
भारतीय सेना ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 29-30 अगस्त की रात को यथास्थिति को बदलने के लिए उकसाने वाली सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया. इस गतिविधि को भारतीय सैनिकों ने रोक दिया.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने शुक्रवार शाम चीन में भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री का बयान ट्वीट किया था जो चीन के भारत में घुसपैठ नहीं करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे के विपरीत था. इसके बाद सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती ने पीटीआई के साथ सभी संबंध तोड़ने की धमकी दी है.
चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने लद्दाख में गलवान घाटी पर संप्रभुता के चीन के दावे को अमान्य बताकर ख़ारिज करते हुए कहा कि एलएसी पर मौजूदा सैन्य गतिरोध को सुलझाने का एकमात्र रास्ता है कि चीन मान ले कि बलपूर्वक यथास्थिति को बदलने का प्रयास करना सही तरीका नहीं है.
भारत में चीन के राजदूत सुन वीदोंग ने स्वीकार किया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में चीन के सैनिक भी मारे गए थे. इस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे.