बीते 11 मई को एक गुजराती समाचार पोर्टल के संपादक को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पद से हटाए जाने की अटकलों पर प्रकाशित एक ख़बर के लिए राजद्रोह के आरोप में मामला दर्ज करते हुए हिरासत में लिया गया था. स्थानीय अदालत ने कहा है कि पुलिस द्वारा दिए गए दस्तावेज पढ़ने पर ऐसा कोई गंभीर अपराध नहीं दिखता.
मीडिया संगठनों ने एक गुजराती समाचार पोर्टल के संपादक के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला दर्ज करने, हिमाचल प्रदेश में छह पत्रकारों के ख़िलाफ़ 14 एफआईआर दर्ज करने और इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार को पूछताछ के लिए बुलाने की निंदा की है.