यूपी: बरेली के युवक के हाथ-पैर में कील ठोंकने का आरोप, पुलिस ने किया इनकार

उत्तर प्रदेश में बरेली ज़िले के रहने वाले युवक की मां ने आरोप लगाया कि है कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर पुलिस ने उनके बेटे के हाथ और पैर में कील ठोंक दी. हालांकि पुलिस का कहना है कि ख़ुद को बचाने के लिए आरोपी ने स्वयं इस काम को अंजाम दिया है. पुलिस के अनुसार, मास्क लगाने के लिए टोकने पर युवक द्वारा पुलिसकर्मियों के साथ बदतमीज़ी की गई, जिसके बाद उसके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.

कोविड संक्रमण से उत्तर प्रदेश सरकार के तीसरे मंत्री और पांचवें विधायक का निधन

पिछले साल उत्तर प्रदेश सरकार के दो मंत्री- चेतन चौहान और कमल रानी वरुण का निधन भी कोविड-19 की वजह से हुआ था. इसके अलावा महामारी की दूसरी लहर के दौरान भाजपा के चार विधायक- दल बहादुर कोरी, केसर सिंह गंगवार, सुरेश कुमार श्रीवास्तव और रमेश चंद्र दिवाकर की मौत हो चुकी है. इस बीच राजस्थान के कोरोना संक्रमित भाजपा विधायक गौतम लाल मीणा का भी निधन हो गया है.

यूपी: कोविड प्रबंधन में अव्यवस्था को लेकर विधायकों-सांसदों के बाद केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमित मरीज़ों की भर्ती संबंधी अव्यवस्था की शिकायत की है. इससे पहले बरेली के तीन विधायकों ने मुख्यमंत्री से ज़िले में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू बेड, बाईपैप, आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में देरी की शिकायत की थी.

उत्तर प्रदेश: कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने के बाद चौथे भाजपा विधायक की मौत

उत्तर प्रदेश में रायबरेली के सलोन सीट से भाजपा विधायक दल बहादुर कोरी का लखनऊ के एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमण के बाद होने वाली समस्याओं के कारण निधन हो गया. पिछले महीने तीन अन्य भाजपा विधायकों की मौत हो चुकी है. पिछले साल दो भाजपा विधायकों की मौत इस महामारी के कारण हुई थी.

उत्तर प्रदेश में तीसरे भाजपा विधायक की कोविड-19 से मौत

उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले के नवाबगंज सीट से भाजपा विधायक केसर सिंह गंगवार के निधन के बाद उनकी मौत पर सवाल उठने लगे हैं. कथित तौर पर उनके द्वारा लिखा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पत्र में उन्होंने अपनी मौत से दो दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्री को चिट्ठी लिखकर अपने लिए मैक्स अस्पताल में बेड की मांग की थी. हालांकि उन्हें वहां जगह नहीं मिल पाई. बाद में बरेली प्रशासन ने उन्हें नोएडा के

उत्तर प्रदेश: अकाली दल के नेता ने किया गिरफ़्तारी का दावा, पुलिस का इनकार

शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि वे किसानों का समर्थन करने पीलीभीत गए थे, जहां से उन्हें गिरफ़्तार कर बरेली ले जाया गया और देर रात रिहा किया गया. पुलिस ने इससे इनकार किया है.

यूपी: बरेली पुलिस ने कहा- जबरन धर्मांतरण मामले में मुस्लिम युवकों को फंसाया गया

मामला बरेली ज़िले का है, जहां एक जनवरी को 24 साल की एक महिला पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव डालने के आरोप में तीन मुस्लिम युवकों पर मामला दर्ज किया गया था. पुलिस का कहना है कि जांच में तीनों युवकों पर लगाए गए आरोप ग़लत पाए गए हैं.

‘लव जिहाद’ को लेकर हो रही राजनीति संघी मनुवाद का नया संस्करण है

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाया गया ‘लव जिहाद' कानून और कुछ नहीं मनुस्मृति का ही नया रूप है, जो महिलाओं को समुदाय की संपत्ति मानकर ग़ुलाम बनाता है और संघर्षों से हासिल किए हुए अधिकारों को फिर छीन लेना चाहता है. यह जितना मुस्लिम विरोधी है, उतना ही हिंदू महिलाओं और दलितों का विरोधी भी है.

उत्तर प्रदेशः नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत सातवां मामला दर्ज, दिहाड़ी मज़दूर गिरफ़्तार

मामला बिजनौर का है, जहां एक दिहाड़ी मज़दूर अफ़ज़ल को प्रदेश में लागू हुए नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने अफ़ज़ल पर अपहरण का आरोप भी लगाया है.

उत्तर प्रदेश धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश की क़ानूनी ग़लतियां इसे लाने की असली मंशा दिखाती हैं

मध्य प्रदेश और ओडिशा के धर्मांतरण विरोधी क़ानूनों में कहीं भी अंतर-धार्मिक विवाह का ज़िक्र नहीं था और न ही सुप्रीम कोर्ट ने उस पर कोई टिप्पणी की थी. ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार का ऐसा कोई अधिकार नहीं बनता कि वो बिना किसी प्रमाण या तर्क के अंतर-धार्मिक विवाहों को क़ानून-व्यवस्था से जोड़ दे.

उत्तर प्रदेश: धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत पहला केस पुलिस के दबाव में दर्ज होने का आरोप

उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले में नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत एक मुस्लिम युवक के ख़िलाफ़ 28 नवंबर को पहला मामला दर्ज कराया गया था. लड़की के परिवार पर दबाव डालकर केस दर्ज कराने के आरोप से पुलिस ने इनकार किया है.

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी क़ानून लागू होने के बाद दर्ज पहले मामले का आरोपी गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश बरेली ज़िले का मामला. राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए लाए गए क़ानून के तहत यह पहला गिरफ़्तारी है. इस क़ानून में विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और 50 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा का प्रावधान किया गया है.

नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत उत्तर प्रदेश में पहला केस दर्ज

उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले का मामला. उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण रोकने के लिए लाए गए क़ानून में विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और 50 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा का प्रावधान किया गया है.

यूपी: बरेली में युवक का मुंह काला कर चप्पलों की माला पहनाकर गांव में घुमाया

मामला बरेली ज़िले के शाही थाना इलाके के एक गांव का है. कुछ लोगों ने युवक के साथ कथित तौर पर दूसरी जाति की एक लड़की को देख लिया था. पीड़ित की शिकायत पर गांव प्रधान के पति समेत 13 लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

उत्तर प्रदेशः बरेली के सरकारी आश्रय गृह की 90 महिलाएं कोरोना संक्रमित

महिला कल्याण विभाग की उप-निदेशक ने बताया कि सभी महिलाओं को आइसोलेट कर दिया गया है. शेल्टर होम को सैनिटाइज़ ​करा दिया गया है. इससे पहले कानपुर के एक बालिका आश्रय गृह की 57 लड़कियां कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं.