पत्रकार आशीष सागर पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में केन नदी में अवैध बालू खनन की रिपोर्टिंग कर रहे हैं. आरोप है कि ज़िले के पैलानी क्षेत्र की अमलोर मौरम खदान से नियमों का उल्लंघन कर बालू निकाला जा रहा है, जिसके चलते नदी एवं पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है. इस संबंध में ज़िला प्रशासन से शिकायत की गई है. वहीं इलाके के एसडीएम का कहना है कि अवैध खनन नहीं हो रहा है.
बांदा जिले के तिंदवारी से भाजपा विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि बांदा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी ने प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसरों के 40 पदों पर नियुक्तियों के लिए दो अलग-अलग अधिसूचना जारी की, जिसके पीछे मंशा आरक्षण में गंभीर अनियमितता करना था.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का मामला है. छात्रा के पिता ने आरोप लगाया कि बेटी की फीस न जमा होने से उसे स्कूल प्रबंधन ने परीक्षा कक्ष से बीते दो जनवरी को लौटा दिया था, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या कर ली. स्कूल प्रबंधन ने आरोप से इनकार किया है.
पहली घटना बांदा ज़िले के अलिहा गांव और दूसरी घटना चिल्ला थाना क्षेत्र के दिघवट की है. एक मज़दूर हरियाणा में ईंट पथाई का काम करते थे, जबकि दूसरे दिल्ली में मज़दूरी करते थे. लॉकडाउन के बाद दोनों अपने अपने घर लौट आए थे.
मामला बांदा ज़िले के अतर्रा का है. पुलिस ने बताया कि मृतक की साइकिल पंक्चर बनाने की दुकान थी. बताया जा रहा है कि घर में पैसे को लेकर हुई कहासुनी के बाद क्षुब्ध युवक ने यह क़दम उठाया.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के इंगुआ गांव का मामला. मृतक के भाई ने बताया कि मुंबई से लौटने के बाद गांव में उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था, जिस वजह से वह आर्थिक रूप से परेशान थे.
मामला बांदा ज़िले गिरंवा थाना क्षेत्र का है. लॉकडाउन के बाद से बांदा में 20 से 21 लोग आत्महत्या कर चुके हैं. इसमें कई मज़दूर भी शामिल हैं, जो लॉकडाउन में काम बंद होने से दूसरे प्रदेशों से घर लौटे थे.
उत्तर प्रदेश में बांदा ज़िले के तिंदवारी थाना क्षेत्र में एक घटना 27 जून की रात की है, जबकि चित्रकूट ज़िले के भरतकूप क्षेत्र में हुई दूसरी घटना 20 जून की है, इस मामले में 27 जून को केस दर्ज कराया गया.
मामला बांदा ज़िले के बिसंडा थाना क्षेत्र के अमलोहरा गांव का है. 35 वर्षीय मज़दूर 20 दिन पहले ही गुजरात के सूरत शहर से लौटे थे.
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के पल्हरी गांव के 60 वर्षीय प्रवासी मज़दूर परिवार के साथ पंजाब से ट्रक में सवार होकर अपने गांव लौट रहे थे. आगरा के पास उन्हें पेट दर्द तथा उल्टी की शिकायत हुई और घर पहुंचने से कुछ दूर पहले ट्रक में ही उनकी मौत हो गई.
उत्तर प्रदेश ललितपुर ज़िले में ग़रीबी और क़र्ज़ से कथित तौर पर परेशान 40 वर्षीय किसान ने ज़हर खा लिया. वहीं, बांदा ज़िले के नरैनी पंचायत में कार्यरत सफाईकर्मी ने कथित तौर पर घरेलू कलह से परेशान होकर जान दे दी.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में लॉकडाउन में एक महीने की अवधि के दौरान कम से कम 16 लोगों द्वारा आत्महत्या करने के मामले सामने आ चुके हैं.
उत्तर प्रदेश में बांदा ज़िले में आत्महत्या करने वाले किसान कथित तौर पर परिवार का भरण पोषण न कर पाने के कारण परेशान थे, वहीं लड़की द्वारा आत्महत्या करने की वजह पता नहीं चल सकी है.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के अतर्रा और बिसंडा थाना क्षेत्र की घटना. एक मज़दूर दो महीने से काम न मिलने के कारण कथित तौर पर परेशान थे, जबकि एक अन्य मज़दूर गुजरात के वापी शहर से लौटे थे.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले से कथित तौर पर आर्थिक तंगी से परेशान होकर लोगों के आत्महत्या की ख़बरें लगातार आ रही हैं.