14 साल के नाबालिग के परिवार का आरोप था कि पुलिस ने मुफ़्त सब्ज़ी न देने के चलते उनके बेटे को झूठे मामले में गिरफ़्तार किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मामले की जांच के आदेश के बाद हुई पुलिस जांच में सामने आया कि एफआईआर में थीं गड़बड़ियां. पुलिस के नाबालिग पर लगाए आरोपों का कोई प्रमाण नहीं.