रालोद पार्टी के पूर्व विधायक वीरपाल सिंह राठी ने कहा कि 31 जनवरी को बड़ौत तहसील में एक महापंचायत में शामिल होने से एक दिन पहले उन्हें और छह अन्य लोगों को नोटिस मिला था. महापंचायत में फैसला किया गया था कि क्षेत्र के लोग दिल्ली की सीमाओं पर जारी आंदोलन में शामिल होने के लिए गाजीपुर और सिंघू बॉर्डरों के लिए कूच करेंगे.
तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान बागपत ज़िले के बड़ौत थाना क्षेत्र स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पिछले साल 19 दिसंबर से धरना दे रहे थे. किसानों का आरोप है कि पुलिस ने देर रात लाठी चार्ज कर उन्हें हटा दिया, जबकि पुलिस इससे इनकार कर रही है.
बीते 22 दिसंबर को बड़ौत के दिगंबर जैन कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के चार सदस्यों ने श्रुतदेवी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसके बाद संगठन ने माफ़ी मांगी थी. इन चारों के ख़िलाफ़ दंगा करने सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि दरोगा इंतसार अली को दो बार विभागीय अनुमति लेने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब तक उन्होंने ऐसा नहीं किया. नियमों की लगातार अनदेखी करने के कारण यह कार्रवाई की गई है. नियमों के अनुसार, सिखों के अलावा अन्य किसी को भी दाढ़ी रखने के लिए विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है.
मामला उत्तर प्रदेश के बागपत जिले का है. पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि करीब 12 युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है.
सीओ रामानंद कुशवाहा ने बताया कि सेना के दो जवान एक रेस्टोरेंट में खाना खा रहे थे. इसी दौरान उनकी एक शख़्स के साथ बहस हो गई और लड़ाई होने लगी. पूरे मामले में केस दर्ज कर रेस्टोरेंट के 7-8 कर्मचारियों को गिरफ़्तार किया गया है.
बागपत जिले में हत्या के एक मामले की विवेचना से पीड़ित लोग संतुष्ट नहीं थे, जिसके चलते परिवार के 13 लोगों ने जिलाधिकारी को शपथपत्र देकर हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है.
उपचुनाव परिणाम बता रहे हैं कि अब जुमलों से काम नहीं चलने वाला.
कैराना लोकसभा उपचुनाव से ठीक एक दिन पहले 27 मई को बागपत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली है. लेकिन इससे पहले पांच दिन से धरने पर बैठे एक किसान की मौत हो गई है.
निर्माता का आरोप है कि यूपी निकाय चुनाव की वजह से सिनेमाघर मालिकों को फिल्म न प्रदर्शित करने को कहा गया है. ज़िला प्रशासन ने आरोप का किया खंडन.