संविधान और संवैधानिक सोच सिर्फ़ कागज़ पर लिखे लफ्ज़ नहीं हैं. यह सोच हमें जीनी है, आगे बढ़ानी है. ठीक वैसे ही जैसे मथुरा की अदालत ने बुधवार को अपने फ़ैसले में किया.
हज़ारों की तादाद में ऐसे नवयुवक तैयार हैं जो अब धर्म के नाम पर जान लेने और देने के लिए तत्पर हैं.
जन गण मन की बात की 61वीं कड़ी में विनोद दुआ बाबरी विध्वंस मामला और देश की उच्च शिक्षा पर चर्चा कर रहे हैं.