1971 में भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज़ को उनकी ज़मीन पर हराया था और देश में क्रिकेट को लेकर नई उम्मीदों और उत्साह का प्रसार हुआ था. उस समय में जवान हो रहे लोगों के लिए यह केवल खेल के मैदान में मिली जीत पर खुश होने का नहीं, बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सामूहिक क्षमताओं से रूबरू होने का पल था.
डीडीसीए ने पिछले दिनों इसके पूर्व अध्यक्ष अरुण जेटली की प्रतिमा फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में लगाने का निर्णय लिया था, जिसकी आलोचना करते हुए पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने संघ की सदस्यता छोड़ दी थी. साथ ही उन्होंने स्टेडियम के एक स्टैंड से उनका नाम हटाने के लिए भी कहा था.