मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और अश्विनी कुमार चौबे और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए उनके ख़िलाफ़ मुज़फ़्फ़रपुर की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई गई है.
सोमवार को मुज़फ़्फ़रपुर दौरे पर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कई योजनाओं की घोषणा की, तो उन्हें 2014 में की गई घोषणाओं के बारे में ध्यान दिलाया गया, जिस पर वह असहज हो गए. दरअसल वे पांच साल पूर्व की गई अपनी ही घोषणाएं फिर से दोहरा रहे थे जो अब तक या तो अमल में ही नहीं आ सकी हैं या आधी-अधूरी हैं.
इंसेफलाइटिस की चपेट में आकर बच्चों की मौत के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री के ख़िलाफ़ परिवाद दायर. बिहार में अब तक तकरीबन 120 बच्चों की मौत इंसेफलाइटिस से हो चुकी है.
एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम या दिमागी बुख़ार का दायरा बहुत विस्तृत है, जिसमें अनेक संक्रमण शामिल होते हैं और यह बच्चों को प्रभावित करता है. बिहार में पिछले 20 दिनों में इसके 350 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें क़रीब 120 बच्चों की मौत हो चुकी है.
आयोग ने इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए जापानी इंसेफलाइटिस वायरस, एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम पर नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम को लागू करने की स्थिति पर भी रिपोर्ट मांगी है.
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2014 में इस बीमारी के कारण 86 बच्चों की मौत हुई थी. जबकि 2015 में 11, साल 2016 में चार, साल 2017 में चार और साल 2018 में 11 बच्चों की मौत हुई थी.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में बीते रविवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी मौजूद थे. इसी दिन भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट वर्ल्ड कप का मैच था.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रत्येक मृतक के परिजन को चार-चार लाख रुपये का मुआवज़ा देने की घोषणा की है.
ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार के मुज़फ्फरपुर में अब तक 'अज्ञात बुखार' के चलते करीब 60 बच्चों की मौत हो चुकी है और सैंकड़ों बच्चे इससे पीड़ित हैं.
पटना हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2017 में नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन देने का आदेश दिया था, जिसे बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
विशेष रिपोर्ट: सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार बिहार में राबड़ी देवी सरकार ने साल 2000 से 2005 के दौरान 23 करोड़ 48 लाख रुपये विज्ञापन पर ख़र्च किए थे. वहीं नीतीश कुमार सरकार ने पिछले पांच साल में विज्ञापन पर 4.98 अरब रुपये ख़र्च किए हैं.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने 11 लड़कियों की कथित रूप से हत्या की थी.
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल द्वारा सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव का बचाव किए जाने पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि पिछले 20 सालों में मैंने अवमानना के अधिकार का इस्तेमाल नहीं किया और किसी को भी सज़ा नहीं दी. लेकिन यह तो हद है.
शीर्ष अदालत की फटकार के बाद सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि अदालत के आदेश का उल्लंघन करने की सोच भी नहीं सकता.
बिहार बालिका गृह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जांच करने वाली टीम का तबादला नहीं होना चाहिए. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हम अवमानना को बहुत ही गंभीरता से लेने जा रहे हैं. आपने देश के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है. भगवान आपको बचाए.