सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आकलन के अनुसार, बेरोज़गारी दर मई में 12 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 8 प्रतिशत थी. यानी इस दौरान क़रीब एक करोड़ भारतीयों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. इसका मुख्य कारण कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर है.
केरल विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के विकास पर दृष्टिपत्र पेश करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि संघवाद और राज्यों के साथ नियमित परामर्श भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीति का आधार स्तंभ है, जो संविधान में निहित है, पर मौजूदा केंद्र सरकार ने इससे मुंह मोड़ लिया है.
वीडियो: 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 70वें जन्मदिन के अवसर पर ट्विटर पर दिनभर कई ऐसे हैशटैग ट्रेंड करते रहे, जिनके माध्यम से लोगों ने देश में बढ़ती बेरोज़गारी और गहरे आर्थिक संकट की तरफ इशारा करते हुए प्रधानमंत्री से जवाब मांगा. इस पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 70वें जन्मदिन के अवसर पर ट्विटर पर दिनभर कई ऐसे हैशटैग ट्रेंड करते रहे, जिनके माध्यम से ट्विटर यूज़र्स ने देश में बढ़ती बेरोज़गारी और गहरे आर्थिक संकट की तरफ इशारा करते हुए प्रधानमंत्री से जवाब मांगा.
अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा 12 राज्यों में किए गए सर्वेक्षण में कहा गया कि शहरी क्षेत्रों में 10 में से आठ श्रमिक (80 फीसदी) और ग्रामीण क्षेत्रों में 10 में से लगभग छह श्रमिक (57 फीसदी) अपना रोज़गार खो चुके हैं. साथ ही ज़मीन पर राहत के तात्कालिक उपाय स्थिति की गंभीरता के अनुपात में नहीं दिखाई देते हैं.
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट में बताया गया है कि अप्रैल में मासिक बेरोज़गारी दर 23.52 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो मार्च में 8.74 प्रतिशत थी. रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन लंबा चलने पर बेरोज़गार लोगों की संख्या और बढ़ सकती है.
भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के मुताबिक भारत की बेरोज़गारी दर फरवरी 2020 में 7.78 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो अक्टूबर 2019 के बाद से सबसे ज़्यादा है.
केंद्रीय श्रम राज्यमंत्री संतोष गंगवार के इस बयान पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तर भारतीयों को जिम्मेदार ठहराकर मंत्री रोज़गार दर घटने के सवालों से बचने की कोशिश कर रहे हैं.
देश की कमज़ोर अर्थव्यवस्था के बीच प्रचंड जनादेश हासिल करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष कई बड़ी आर्थिक चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं.
भाजपा के आर्थिक मामलों के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि भारत में नए रोज़गार चाहने वालों की संख्या बहुत अधिक है. इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को नई सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती. इसीलिए हमारा ज़ोर उद्यमिता और स्व-रोज़गार पर है.
लोकसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले चुनावों पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉमर्स द्वारा हाल ही में जारी किये गये राष्ट्रीय सर्वेक्षण में यह खुलासा किया गया है.
ऑक्सफैम इंडिया के हालिया सर्वे के मुताबिक देश में पुरुषों की तुलना में महिला कामगारों की भागीदारी और भी कम हो रही है. जी20 देशों में भारत सिर्फ सऊदी अरब से बेहतर स्थिति में है.
अनिल अंबानी समूह पर 45,000 करोड़ रुपये का कर्जा है. अगर आप किसान होते और पांच लाख का कर्जा होता तो सिस्टम आपको फांसी का फंदा पकड़ा देता. अनिल अंबानी राष्ट्रीय धरोहर हैं. ये लोग हमारी जीडीपी के ध्वजवाहक हैं. भारत की उद्यमिता की प्राणवायु हैं.