सरकार ने निजीकरण के लिए जिन चार बैंकों का चयन किया गया है वे बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया हैं. सरकार का यह कदम उसकी उस बड़ी योजना का हिस्सा है जिसके तहत वह सरकारी संपत्तियों को बेचकर राजस्व बढ़ाने की तैयारी कर रही है.
रिज़र्व बैंक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर यह जुर्माना धोखाधड़ी पकड़ने में देरी और समय पर इसके बारे में जानकारी न देने के चलते लगाया है.