साल 2018 में बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के एक बालिका गृह में यौन शोषण का मामला सामने आया था, जिसे ब्रजेश ठाकुर के संगठन द्वारा चलाया जा रहा था. दिल्ली की एक अदालत ने बीते जनवरी में ठाकुर को पॉक्सो क़ानून और आईपीसी की धाराओं के तहत बलात्कार और सामूहिक बलात्कार का दोषी माना था.
साल 2018 में बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के एक बालिका गृह में यौन शोषण का मामला सामने आया था. यह बालिका गृह मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के संगठन की ओर से चलाया जाता था. मामले के सभी दोषियों को 28 जनवरी को सज़ा सुनाई जाएगी.
बीते छह जनवरी को सीबीआई ने बिहार में 17 आश्रय गृहों की जांच कर इनमें से 13 मामलों में आरोप पत्र दाखिल कर दिए गए हैं. सीबीआई ने बिहार के 25 डीएम और अन्य सरकारी कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफ़ारिश की है. सीबीआई के अनुसार, विभिन्न आश्रय गृहों में बच्चों के यौन शोषण और प्रताड़ना को रोकने में सरकारी अधिकारी असफल रहे हैं.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह यौन शोषण मामला सामने आने के बाद राज्य के 17 आश्रय गृहों में बच्चों के यौन शोषण और प्रताड़ना के मामले उजागर हुए थे. शीर्ष अदालत ने सीबीआई को इनकी जांच के आदेश दिए थे.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने 11 लड़कियों की कथित रूप से हत्या की थी.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर शहर में सेवा संकल्प एवं विकास समिति नाम के एनजीओ द्वारा संचालित बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों के साथ पिछले साल यौन शोषण का मामला सामने आया था. एनजीओ का संचालक ब्रजेश ठाकुर मुख्य आरोपी है.
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एक पुलिस अधिकारी ने शेल्टर होम प्रबंधन पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने गुपचुप तरीके से काम किया है. उन्होंने कहा कि सरकार की महिला प्रतिनिधियों को भी लड़कियों से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही.
नोट: ये ख़बर समाचार एजेंसी भाषा की ओर से गलती से जारी कर दी गई थी. पाठकों को हुई असुविधा के लिए हमें खेद है.
टीआईएसएस की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर बिहार में आश्रय गृहों पर मामले दर्ज किए गए हैं. रिपोर्ट में इन आश्रय गृहों के कुप्रबंधन और वहां रहने वाली महिलाओं के उत्पीड़न की बात सामने आई थी.
सीबीआई ने 73 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है जिसमें बताया गया है कि कैसे बालिका गृह के मालिक ब्रजेश ठाकुर ने लड़कियों को खुले कपड़े पहनने, भोजपुरी गानों पर नाचने, नशा करने और मेहमानों द्वारा बलात्कार करने के लिए मजबूर किया.
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बीते हफ्ते बिहार पुलिस ने मंजू वर्मा के बेगूसराय स्थित घर के बाहर संपत्ति जब्त करने का नोटिस लगाया था, जिसके बाद मंजू वर्मा ने मंगलवार को स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण किया.
मामले का खुलासा होने के बाद बालिका गृह की लड़कियों ने पूछताछ में एक किशोरी की मौत होने की बात कही थी. मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के एक स्टाफ की निशानदेही पर श्मशान घाट से कंकाल बरामद किया.
मामले की जांच के दौरान बिहार की सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने इस्तीफा दे दिया था. उच्चतम न्यायालय ने बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा से पूछताछ करने को कहा है.
मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह में हुए यौन उत्पीड़न मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक के पटना हाईकोर्ट के आदेश को एक स्थानीय पत्रकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
समाचार एजेंसी भाषा को बिहार के पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2017 के दौरान प्रदेश में महिला अपराध से जुडे़ कुल 15,784 मामले सामने आए थे. वहीं साल 2018 के जून तक बिहार में महिला अपराध के कुल 7683 मामले सामने आए हैं.