डीएन झा ने राष्ट्रवादी इतिहासकारों द्वारा हिंदू संस्कृति को भारतीय संस्कृति का पर्याय बताने, सामाजिक विषमताओं की अनदेखी की आलोचना की थी. वे कहते थे कि ऐसे लोगों ने राष्ट्रीय आंदोलन को वैचारिक औज़ार तो दिया, लेकिन भारतीय इतिहास संबंधी उनका लेखन ब्रिटिश इतिहासकारों से कम समस्याग्रस्त नहीं था.
वीडियो: सीबीआई के पूर्व निदेशक और कार्यरत आईपीएस अधिकारी एम. नागेश्वर राव ने दावा किया कि ‘खूनी इस्लामिक आक्रमण/शासन’ के बारे में लीपापोती कर भारतीय इतिहास के साथ छेड़छाड़ हुई है. इस बारे में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा, इतिहास सामाजिक विज्ञान और साहित्य का मिश्रण है और वह कभी एक आयामी नहीं हो सकता.