यूपी के धर्मांतरण रोधी क़ानून में कई ख़ामियां हैं, ये अदालत में नहीं टिक पाएगाः जस्टिस लोकुर

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी. लोकुर ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली की आलोचना करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जैसा कार्य किया, उससे निश्चित तौर पर कहीं बेहतर किया जा सकता था. पिछले कुछ वर्षों में सामाजिक न्याय का विचार ठंडे बस्ते में चला गया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन हमें इसके साथ जीना होगा.

कोरोना संकट के दौरान सुप्रीम कोर्ट का रवैया निराश करने वाला रहा है: जस्टिस मदन बी. लोकुर

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर ने एक साक्षात्कार में कहा कि शीर्ष अदालत अपने संवैधानिक कर्तव्यों को सही तरह से नहीं निभा रही है. भारत का सर्वोच्च न्यायालय अच्छा काम करने में सक्षम है, लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है.

आपराधिक मानहानि क़ानून ख़त्म होना चाहिए, राजद्रोह क़ानून की हो समीक्षा: जस्टिस लोकुर

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर ने एक कार्यक्रम में कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद जजों की नियुक्तियों को लेकर एक सीमा तय होनी चाहिए.

जज पदोन्नति: जस्टिस लोकुर ने कॉलेजियम के 12 दिसंबर के निर्णय को सार्वजनिक न करने पर निराशा जताई

12 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जस्टिस प्रदीप नंदराजोग और जस्टिस राजेंद्र मेनन की पदोन्नति करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन 10 जनवरी को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना को पदोन्नत किया.

जजों की नियुक्ति: एनजेएसी क़ानून को निरस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका ख़ारिज

सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को जजों द्वारा जजों की नियुक्ति की 22 साल पुरानी कॉलेजियम प्रणाली की जगह लेने वाले एनजेएसी क़ानून, 2014 को असंवैधानिक और अमान्य घोषित किया था.

कॉलेजियम ने पदोन्नति के लिए जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की फिर की सिफ़ारिश

केंद्र सरकार ने अप्रैल महीने में जस्टिस केएम जोसेफ के नाम की सिफ़ारिश संबंधी फाइल कॉलेजियम को पुनर्विचार के लिए प्रधान न्यायाधीश को लौटा दी थी और जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नाम को मंज़ूरी दे दी थी.

आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष ने कहा, न्यायपालिका ने ख़ुद को सुधारने में कुछ ख़ास नहीं किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने यह भी कहा कि जजों की नियुक्ति में टैक्सपेयर्स का बहुत ज़्यादा पैसा ख़र्च होता है और जज की पद के लिए ख़ाली 25 प्रतिशत पोस्ट कोई बड़ी बात नहीं है.

न्याय व्यवस्था पूर्ण बदलाव की गुहार लगा रही है: जस्टिस गोगोई

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की किताब के विमोचन के अवसर पर ​जस्टिस गोगोई ने कहा कि हम आज जो करेंगे उसका असर हमारे बच्चों पर पड़ेगा.

कॉलेजियम सर्वसम्मति से न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पदोन्नति के लिए दोबारा करेगी सिफ़ारिश

कॉलेजियम ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि जोसेफ के नाम के साथ ही कुछ अन्य उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को भी पदोन्नति देकर सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफ़ारिश की जाएगी.

न्यायपालिका की स्वतंत्रता को ख़तरा महाभियोग से नहीं, सत्तापक्ष के दख़ल से है

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के ख़िलाफ़ महाभियोग लाया गया तो ऐसा माहौल बना जैसे ऐसा करने से जनता का न्याय से विश्वास उठ जाएगा और लोकतंत्र ख़तरे में पड़ जाएगा.

जज लोया मामला: कांग्रेस ने फ़ैसले पर उठाए सवाल, भाजपा ने कहा- याचिकाओं के पीछे राहुल का हाथ

जज लोया की मौत की एसआईटी जांच की मांग वाली याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी शुरू हो गई है.

भौंकने से लोकतंत्र न बचे तो काटने के सिवा कोई चारा नहीं होगा: जस्टिस कुरियन जोसेफ

जस्टिस जोसेफ ने न्याय व्यवस्था और मीडिया को लोकतंत्र का पहरेदार बताया. साथ ही कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद वे सरकार द्वारा दिया कोई भी काम स्वीकार नहीं करेंगे.

क्या न्यायपालिका की स्वतंत्रता छीन रही है मोदी सरकार?

केंद्र सरकार पर न्यायिक नियुक्तियों को प्रभावित करने के आरोप लग रहे हैं. बीते कुछ सालों में हुई नियुक्तियों पर गौर करें तो ऐसे कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं जो भविष्य की एक ख़तरनाक तस्वीर बनाते हैं.

देश की निचली अदालतों में ढाई करोड़ से ज़्यादा मुक़दमे लंबित

क़ानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने सदन में एक सवाल के जवाब में बताया कि देश के जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायिक अधिकारियों के पांच हजार से अधिक पद रिक्त हैं.

कभी-कभी कुछ जज सरकार चलाने का प्रयास करते हैं: रविशंकर प्रसाद

क़ानून मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा उपाध्यक्ष की नियुक्ति में प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. फिर क्या ग़लत है कि अगर वे अपने क़ानून मंत्री के ज़रिये हाईकोर्ट के जजों की भी नियुक्ति करते हैं?