अमित शाह के दावे के उलट गृह मंत्रालय ने कहा- बंगाल में बम बनाने की फैक्ट्री की कोई जानकारी नहीं

अक्टूबर 2020 में एक टेलीविजन इंटरव्यू में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पश्चिम बंगाल के हर ज़िले में बम बनाने वाली फैक्ट्रियां हैं. एक आरटीआई आवेदन के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 3 मार्च 2021 को बताया कि उसके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है.

पश्चिम बंगाल: मंत्री पर बम से हमला, ममता का आरोप- दूसरी पार्टी में शामिल होने का दबाव था

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि राज्य के मंत्री जाकिर हुसैन पर रेलवे स्टेशन पर बम से हुआ हमला एक साज़िश का हिस्सा था और कुछ लोग उन पर दूसरी पार्टी में शामिल होने के लिए ‘दबाव’ बना रहे थे. सुरक्षा में चूक के लिए बनर्जी ने रेलवे पर भी निशाना साधा.

पिछले साल जनवरी से सितंबर के बीच रेल पटरियों पर 6,290 लोगों की मौत हुई: आरटीआई

ग़ौर करने लायक बात यह है कि नौ महीनों की इस अवधि में पटरियों पर हादसों में इतनी बड़ी तादाद में लोगों की जान तब गई, जब कोविड-19 के प्रकोप के कारण अधिकांश समय लाॅकडाउन था और सीमित संख्या में ट्रेनें चल रही थीं.

किसान आंदोलन के बीच आईआरसीटीसी ने नरेंद्र मोदी के सिखों से रिश्तों को लेकर भेजे दो करोड़ ईमेल

केंद्र द्वारा लाए गए तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन के बीच आईआरसीटीसी ने आठ से 12 दिसंबर के बीच ये ई-मेल भेजे हैं. अधिकारियों के अनुसार इन्हें सरकार के 'जनहित' संपर्क के तहत कृषि विधेयकों को लेकर लोगों को जागरूक करने और मिथकों को दूर करने के उद्देश्य से भेजा गया था.

निजी रेलगाड़ी परिचालन के आवेदन प्रस्ताव में एलएंडटी, जीएमआर, वेलस्पन आदि को योग्य पाया गया

भारतीय रेलवे की योजना 12 ट्रेनों के साथ मार्च 2023 तक निजी ट्रेन परिचालन शुरू करने की योजना है. रेलवे 2027 तक 151 ऐसी सेवाओं को लाने की योजना बना रहा है. भारतीय रेल नेटवर्क पर निजी यात्री रेलगाड़ी परिचालन से 30,000 करोड़ रुपये का निजी निवेश आने की उम्मीद है.

रेलवे को 52 साल बाद संसद में कैंटीन चलाने की ज़िम्मेदारी से हटाया, आईटीडीसी को मिला ठेका: रिपोर्ट

भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) केंद्र सरकार का ही पर्यटन विंग है, जो अशोका होटल समूह का संचालन करता है. रेलवे 1968 से संसद परिसर की कैंटीन में भोजन की व्यवस्था कर रहा था.

लॉकडाउन में श्रमिकों के मौत का आंकड़ा सरकार ने इकट्ठा किया, फ़िर भी संसद को बताने से इनकार

द वायर द्वारा भारतीय रेल के 18 ज़ोन में दायर आरटीआई आवेदनों के तहत पता चला है कि श्रमिक ट्रेनों से यात्रा करने वाले कम से कम 80 प्रवासी मज़दूरों की मौत हुई है. केंद्र सरकार के रिकॉर्ड में ये जानकारी उपलब्ध होने के बावजूद उसने संसद में इसे सार्वजनिक करने से मना कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए रेलवे ने श्रमिकों से वसूला करोड़ों रुपये किराया

सुप्रीम कोर्ट ने 28 मई को दिए एक आदेश में कहा था कि ट्रेन या बस से यात्रा करने वाले किसी भी प्रवासी मज़दूर से किराया नहीं लिया जाएगा. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार शीर्ष अदालत के निर्देशों के बावजूद रेलवे द्वारा श्रमिक ट्रेनों के यात्रियों से किराया लिया गया है.

श्रमिक संगठनों ने हवाई अड्डों के निजीकरण, आईआरसीटीसी में विनिवेश प्रस्ताव की आलोचना की

श्रमिक संगठनों ने ने संयुक्त बयान में कहा है कि एक ही कारोबार इकाई को हवाई अड्डों का ठेका देने से एकाधिकार बढ़ेगा. इस साल अब तक 12 हवाई अड्डों के निजीकरण के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार मुहर लग चुकी है. इनमें से अधिकांश हवाई अड्डों को पट्टे पर अडाणी समूह को दिया गया है.

भारतीय रेलवे का खलासी व्यवस्था ख़त्म करने का ऐलान, नहीं होंगी नई भर्तियां

रेलवे बोर्ड ने एक आदेश में कहा कि औपनिवेशिक काल से चले आ रहे खलासी पदों की समीक्षा के बाद निर्णय लिया गया है कि अब इनकी भर्ती नहीं होगी. साथ ही एक जुलाई 2020 से इन पदों पर की गई नियुक्तियों की भी समीक्षा की जाएगी.

लॉकडाउन: श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से रेलवे ने कमाए 429 करोड़ रुपये

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिले आंकड़ों के अनुसार 29 जून तक 4,615 ट्रेनें चलीं और रेलवे ने इनसे 428 करोड़ रुपये कमाए. इसके साथ ही जुलाई में 13 ट्रेनें चलाने से रेलवे को एक करोड़ रुपये की आमदनी हुई.

आधुनिक यात्री ट्रेनों के संचालन के लिए भारतीय रेलवे ने निजी क्षेत्रों से मंगाए आवेदन

रेलवे के नेटवर्क पर यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए निजी निवेश के लिए यह पहला क़दम है. रेलवे ने कहा कि इससे निजी क्षेत्र से क़रीब 30,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि रेल ग़रीबों की एकमात्र जीवन-रेखा है और सरकार उनसे यह भी छीन रही है. जनता इसका क़रारा जवाब देगी.

श्रमिक ट्रेनों में हुई मौतों का डेटा तैयार कर रहा है रेलवे, सौ के पार जा सकता है आंकड़ा

लॉकडाउन के दौरान मज़दूरों को उनके घर ले जा रहीं श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में हुई मुसाफ़िरों की मौतों की आलोचना के बाद रेलवे ने अधिकतर मामलों में मृतकों की पुरानी बीमारियों और उनकी शारीरिक अवस्था को ज़िम्मेदार ठहराया था.

‘मुंबई से गांव आने के लिए निकले, लेकिन उनका सफ़र रास्ते में ही ख़त्म हो गया’

बीते 26 मई को झांसी से गोरखपुर जा रही एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार आज़मगढ़ के 45 वर्षीय प्रवासी श्रमिक रामभवन मुंबई से अपने परिवार सहित घर लौट रहे थे, जब रास्ते में अचानक उनकी तबियत ख़राब होने लगी. परिजनों का कहना है कि समय पर उचित मेडिकल सहायता न मिलने के कारण उन्होंने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर दम तोड़ दिया.

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में अब तक कम से कम 80 लोगों की मौत: आरपीएफ

रेलवे सुरक्षा बल के आंकड़ों के मुताबिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में करीब 80 लोगों की मौत 9 मई से 27 मई के बीच हुई है. इनमें चार वर्ष से लेकर 85 वर्ष तक के यात्री शामिल थे.

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