आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर वृहत आर्थिक माहौल और ख़राब होता है और गंभीर दबाव की स्थिति उत्पन्न होती है, तो सकल एनपीए अनुपात 14.8 प्रतिशत तक जा सकता है. सामान्य स्थिति में यह 13.5 प्रतिशत पर पहुंचेगा, जो 23 साल का उच्चतम स्तर होगा.
आरबीआई ने अपनी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा है कि मार्च 2020 में 8.5 फीसदी की तुलना में मार्च 2021 तक बैंकों का एनपीए 12.5 फीसदी तक बढ़ सकता है. इससे पहले वैश्विक संस्था एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अनुमान जताया था कि अगले साल तक भारत का एनपीए 13.2 फीसदी तक बढ़ जाएगा.
रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एनपीए में संभावित बढ़ोतरी को लेकर कहा कि हम मुश्किल में हैं और जितनी जल्दी इसे स्वीकार करेंगे, उतना बेहतर होगा क्योंकि हमें वाकई में इस समस्या से निपटने की ज़रूरत है.
बैंकों की 31 मार्च, 2018 की स्थिति के मुताबिक 9.61 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एनपीए में केवल 85,344 करोड़ रुपये कृषि और संबंधित क्षेत्र का है जबकि 7.03 लाख करोड़ रुपये की मोटी राशि औद्योगिक क्षेत्र को दिए गए क़र्ज़ से जुड़ी है.
उत्तराखंड सरकार द्वारा 31 मई, 2017 को घोषणा की गई कि उसने राज्य में खुले में शौच से मुक्ति की स्थिति प्राप्त कर ली है.
कैग की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेन में अशुद्ध पानी का इस्तेमाल खाना बनाने में किया जाता है. खाने को ढका नहीं जाता और चूहे-तिलचट्टे खुलेआम घूमते रहते हैं.