‘विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस गांव के पानी को दूषित बताती थी, पर सत्ता में आते ही मुकर गई’

विशेष रिपोर्ट: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले के सुपेबेड़ा गांव के लोगों के अनुसार बीते डेढ़ दशक में भूजल प्रदूषण के कारण सवा सौ से अधिक लोग गुर्दे की बीमारी के चलते जान गंवा चुके हैं. ग्रामीणों के मुताबिक़ कांग्रेस ने सरकार बनने पर शुद्ध पानी, मुआवज़े और इलाज का वादा किया था पर दो साल बीत जाने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ.

भूजल के उपयोग की अनुमति केवल असाधारण परिस्थितियों में ही दी जाए: संसदीय समिति

जल संसाधन संबंधी संसदीय समिति का विचार है कि बोतलबंद पानी के निजी उद्योगों को केवल व्यापारिक लाभ के लिए इस क्षेत्र का दोहन न करने देना सरकार की सबसे बड़ी सामाजिक जिम्मेदारी है.

भोपाल गैस त्रासदी: 3 दशक बाद भी शहर के भूजल में मौजूद है रासायनिक ज़हर

यूनियन कार्बाइड को औपचारिक रूप से तो ख़त्म मान लिया गया, लेकिन जो ज़हर इस कारखाने ने भोपाल की ज़मीन में बोया, वो अब इस शहर की अगली नस्ल को अपनी चपेट में ले रहा है.