बीते 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए जनवरी में तारीख तय की जाएगी और मामले को उचित पीठ के पास भेजा जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में दायर अपीलों को जनवरी, 2019 में एक उचित पीठ के सामने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं’ के बारे में शीर्ष अदालत के 1994 के फैसले को फिर से विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से इनकार कर दिया.
आप कांग्रेस और भाजपा को कोस सकते हैं, लेकिन संघ परिवार को क्या कहेंगे जिसने धर्म और समाज के लिए लज्जा का यह काला दिन आने दिया?
भूमंडलीकरण की बाज़ारोन्मुख आंधी में कट्टरता और सांप्रदायिकता अयोध्या के बाज़ार की अभिन्न अंग बनीं तो अभी तक बनी ही हुई हैं.
दुनिया के बीस बड़े प्रतिष्ठान खेती और कृषि बाज़ार पर अपना नियंत्रण चाहते हैं. भारत सरकार को अपना पक्ष तय करना होगा.
‘पीपली लाइव’ किसान और मीडिया के चित्रण के जरिये भूमंडलीकरण की प्रक्रिया और उसके दुष्परिणामों की गहरी पड़ताल करता है. सिनेमा का व्यंग्यात्मक रुख राज्य और समाज के रवैये की भी पोल खोलता है.