‘सेक्शुअल फेवर’ भी रिश्वत के दायरे में आएगा, हो सकती है सात साल की क़ैद

भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 के तहत सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां सेक्शुअल फेवर, महंगे क्लब की सदस्यता और आतिथ्य मांगने और स्वीकार करने या क़रीबी मित्रों या रिश्तेदारों को रोज़गार प्रदान करने पर केस दर्ज कर सकती हैं.