सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक सरकार के 2018 के उस क़ानून को बरक़रार रखा जिसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति एवं वरिष्ठता क्रम में आरक्षण की व्यवस्था की गई है.
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण देने संबंधित मामले की सुनवाई कर रही है.
मीडिया बोल की 61वीं कड़ी में उर्मिलेश मंडल कमीशन के 25 साल और आरक्षण की स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट के वकील डॉ. केएस चौहान और वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र पीएस से चर्चा कर रहे हैं.
जो 1977 में पाकिस्तान में ज़िया-उल-हक के नेतृत्व में शुरू हुआ था, वह अब भारत में दोहराया जा रहा है.