मुंबई के भाटिया हॉस्पिटल की 82 नर्सों को न सिर्फ उनका घर छोड़ने पर मजबूर किया गया बल्कि उन्हें फ्लैट से उनका सामान भी नहीं लेने दिया गया क्योंकि पड़ोसियों और सोसाइटी के लोगों को डर लगने लगा था कि वे कोरोना वायरस का संक्रमण फैला सकती हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 मार्च को एक आदेश जारी कर कहा था कि मकान मालिक लॉकडाउन के दौरान एक महीने तक छात्रों, कामगारों और प्रवासी मजदूरों से किराया न मांगें.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी नियोक्ता, चाहे वह उद्योग में हों या दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में, लॉकडाउन की अवधि में अपने श्रमिकों के वेतन का भुगतान बिना किसी कटौती के करेंगे.
कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ की वजह से लोगों को राहत देने के लिए श्रम मंत्रालय ने यह कदम उठाया है.
सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, कोरोना वायरस के डर से डॉक्टरों और अन्य अर्द्धचिकित्साकर्मियों पर किराये के घर खाली करने का दबाव बनाना इस वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई की जड़ पर वार करता है और यह आवश्यक सेवाओं में बाधा उत्पन्न करने के बराबर है.
राजधानी दिल्ली समेत देश के कुछ हिस्सों से कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज में लगे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को उनके किराये के मकानों से निकाले जाने की ख़बरें आ रही हैं. लोगों का कहना है कि इनसे वायरस फैलने का ख़तरा है. एम्स के रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन ने गृह मंत्री को पत्र लिख इसकी शिकायत की है.
युवा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक नीलोत्पल मृणाल की कथित तौर पर पुलिस ने की पिटाई. अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने पढ़ने-लिखने का बेहतर माहौल बनाने की अपील की. छात्रों का आरोप है कि इतना किराया देने के बावजूद न तो उन्हें सुविधाएं दी जाती हैं और न ही ठीक व्यवहार किया जाता है.
फिल्मीस्तान और एयरलिफ्ट जैसी फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता इनामुल हक़ ने मुंबई में किराये का मकान लेने के संघर्ष को लेकर अपनी आपबीती साझा की है.