कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सरकार से मांग की कि वह नगा समूहों से हो रही बातचीत के नियम और शर्तों को सार्वजनिक करे. इसके अलावा उन्होंने तीन राज्यों- मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और असम, जो नगा शांति वार्ता से प्रभावित हो सकते हैं, उन्हें इस बातचीत में शामिल करने की भी मांग की है.
पूर्वोत्तर के राज्यों में लंबे समय से नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में आवाज़ उठती रही हैं. गृहमंत्री अमित शाह की इस विधेयक को लाने की हालिया घोषणा के बाद मणिपुर, मेघालय और नगालैंड में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
असम के बारपेटा ज़िले के रहने वाले और वर्तमान में कोलकाता में तैनात भारतीय सेना के एक सूबेदार को असम में नागरिकता की लड़ाई लड़ना पड़ रहा है.
मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम की रासुका के तहत गिरफ़्तारी के विरोध में भी छात्र ने प्रदर्शनों का आयोजन किया था. परिवारवालों ने कहा कि पुलिस ने गिरफ़्तारी का कारण नहीं बताया है.
आरोप है कि इम्फाल के अख़बार ‘पोकनाफाम’ में कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी अपमानजनक सामग्री प्रकाशित की गई थी.