मणिपुर भाजपा अध्यक्ष सैखोम टिकेंद्र सिंह की कोरोना संक्रमण से मौत के बाद पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम ने अपने फेसबुक पोस्ट के ज़रिये सरकार को निशाना साधते हुए लिखा था कि कोरोना का इलाज गोमूत्र या गोबर नहीं, बल्कि विज्ञान है.
पेट्रोल-डीज़ल के रिकॉर्ड तोड़ दामों को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि मोदी सरकार अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों के साथ लोगों को मुफ़्त चावल और कोविड टीके देने के लिए बहुत कुछ कर रही है. इसकी एक क़ीमत है. मुफ़्त मदद आसमान से नहीं गिरती है. इससे पहले केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल के बढ़ते दामों पर कहा था कि केंद्र सरकार लाभकारी योजनाओं के लिए धन बचा रही है.
मणिपुर के कंगपोकपी ज़िले के चालवा गांव का मामला. बीते तीन जून की देर रात 44 असम राइफल्स के मेजर अपने तीन जवानों के साथ एक ऑपरेशन को अंजाम देने पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने गांव के एक व्यक्ति को हिरासत में लिया, जो बाद में गोली लगने के कारण घायल अवस्था में मिले. अस्पताल ले जाते वक़्त उनकी मौत हो गई थी.
आदेश में कहा गया है कि ज़िला प्रशासन परोपकार के कामों का स्वागत करता है. हालांकि दान या नकद के रूप में इस तरह के कार्यों में अक्सर लाउडस्पीकर, सार्वजनिक सभा, घर-घर का दौरा किया जाता है. साथ ही सोशल मीडिया कवरेज के लिए दानदाताओं के नाम के साथ विशेष रूप से बनाए गए राहत किट/पैकेट का उपयोग होता है. यह दान से जुड़े उद्देश्य और पवित्रता को कमज़ोर करती है.
मणिपुर राज्य के भाजपा प्रमुख एस. टिकेंद्र सिंह का बीते 12 मई को कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से निधन हो गया था. पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम ने अपने फेसबुक एकाउंट के ज़रिये अलग-अलग पोस्ट में श्रद्धांजलि देते हुए लिखा था कि गाय का गोबर या गोमूत्र कोविड-19 से बचाव नहीं करते हैं. उन्होंने कहा था कि इसका इलाज विज्ञान और कॉमन सेंस है.
राज्य भाजपा अध्यक्ष सैखोम टिकेंद्र सिंह की कोरोना संक्रमण से मौत के बाद पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम ने अपने फेसबुक पोस्ट के ज़रिये सरकार को निशाना साधते हुए लिखा था कि कोरोना का इलाज गोमूत्र या गोबर नहीं, बल्कि विज्ञान है.
ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन ने मिजिमा न्यूज़ म्यांमार से जुड़े तीन पत्रकारों को नई दिल्ली में शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त तक सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने की अपील की है. म्यांमार में सैन्य तख़्तापलट के बाद तीनों पत्रकारों ने मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह में शरण ली है.
अक्टूबर, 2019 में लंदन में मणिपुर के महाराजा लेशेम्बा सनाजाओबा का प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले मणिपुर के दो अलगाववादी नेताओं- याम्बेन बीरेन और नरेंगबाम समरजीत सिंह ने ब्रिटेन से ‘निर्वासन में मणिपुर सरकार’ की घोषणा कर दी थी. इसके बाद मणिपुर सरकार ने एक मामला दर्ज किया था, जिसे बाद में एनआईए को सौंप दिया था.
महाराष्ट्र के नांदेड़ में कोरोना वायरस महामारी के कारण जुलूस निकाले की अनुमति नहीं देने के बाद तलवारों से लैस सिखों की भीड़ ने सोमवार को पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था. एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि घटना में कहीं गुरुद्वारा समिति के किसी सदस्य की भूमिका तो नहीं है.
मणिपुर सरकार द्वारा म्यांमार की सीमा से सटे ज़िलों के उपायुक्तों को 26 मार्च को जारी एक आदेश में सैन्य तख़्तापलट के बाद म्यांमार से भागकर आ रहे शरणार्थियों को आश्रय और खाना देने से इनकार और उन्हें 'शांतिपूर्वक' लौटाने की बात कही गई थी. कड़ी आलोचना के बाद इस आदेश को वापस ले लिया गया.
मणिपुर के मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम में घुटनों पर झुके स्कूली बच्चों को देखकर विचार आता है कि आज वरिष्ठों के सामने सजदे में खड़े होने के लिए मजबूर करने वाला वातावरण उन्हें सवाल करने के लिए तैयार करेगा या सब चीज़ें चुपचाप स्वीकार करने के लिए?
एक महीने से भी कम समय में यह तीसरी बार है, जब मणिपुर में समाचार पत्रों का प्रकाशन और ख़बरों का प्रसारण नहीं हुआ. छह दिन पहले भी इसी तरह का विरोध जताया गया था, जब इम्फाल से प्रकाशित होने वाले एक स्थानीय अख़बार को आतंकी समूह ने धमकी दी थी.
महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले का मामला है. ज़िले के भिवंडी के अस्पताल में मृतक को कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक दी गई थी. अधिकारियों ने बताया कि किरदित की मौत के कारणों का पता पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा.
मणिपुर के एक स्थानीय अखबार पोकनाफाम को बंद किए जाने की धमकी मिलने के बाद विरोध के तौर पर यहां के मीडिया संस्थानों ने शुक्रवार से 48 घंटे तक काम न करने का निर्णय लिया है. बीते 13 फरवरी को इसी अख़बार के दफ़्तर पर अज्ञात हमलावरों ने ग्रेनेड फेंका था.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार शाम को कोविड-19 टीकाकरण पर जारी बुलेटिन के अनुसार, बीते 24 घंटे में टीकाकरण के बाद दो लोगों की मौत हुई है. हालांकि सरकार की ओर यह भी कहा गया है कि अब तक किसी भी मौत के लिए सीधे तौर पर कोविड-19 टीका ज़िम्मेदार नहीं है.