क्या हम पहले के मुकाबले भावनात्मक रूप से अधिक असुरक्षित हो गए हैं? क्या हमारा भाव जगत पहले की तुलना में कहीं संकुचित हो गया है? किसी भी अन्य समुदाय के त्योहार में साझेदारी करने में अक्षम या उस दिन को हथिया लेने की जुगत लगाते हुए क्या हम हीन भावना के शिकार होते जा रहे हैं?
पूर्वी दिल्ली के शाहदरा पुल के नीचे बसे राजस्थान के गाड़िया लोहार समुदाय की लगभग 100 झुग्गियों को एमसीडी ने बिना सूचना दिए तोड़ डाला.
संघ से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने एनसीईआरटी की किताबों से ग़ालिब, टैगोर, पाश की रचनाओं सहित गुजरात दंगों से जुड़े तथ्य हटाने की मांग की है.