बॉम्बे हाईकोर्ट में भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो द्वारा जमा किए गए हलफनामे में कहा गया है कि विदर्भ सिंचाई विकास निगम के चेयरमैन अजित पवार को कार्यकारी एजेंसियों के कार्यों के लिए ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि उनके पास कोई वैधानिक दायित्व नहीं है.
महाराष्ट्र एसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि जिन नौ मामलों को बंद किया गया, वे टेंडरों की रूटीन जांच से जुड़े थे, जिनमें पूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था. जिन मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें जांच जारी है.