महाराष्ट्र में फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी पाने वाले सरकारी कर्मचारियों को हटाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सरकार असमंजस की स्थिति में है.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया कि जज लोया की मौत से जुड़े किसी भी मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय में नहीं होगी.
जस्टिस अरुण मिश्रा द्वारा जज लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाले मामले की सुनवाई के बाद ‘इसे उपयुक्त बेंच के समक्ष पेश करें’ कहना दिखाता है कि वे अब इस संवेदनशील मामले को नहीं सुनना चाहते.
राज्य सरकार के वक़ील हरीश साल्वे ने इन दस्तावेज़ों को गोपनीय बताया था, लेकिन अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को मामले के बारे में सब कुछ पता होना चाहिए.
सीबीआई की विशेष अदालत के जज बीएच लोया की मौत की जांच की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से इस मामले में 15 जनवरी तक जवाब देने को कहा.
अदालत ने कहा कि अस्पताल बकाया बिल वसूलने के लिए क़ानूनी तरीके अपना सकते हैं. साथ ही सरकार को ऐसे रोगियों को संरक्षण देने की प्रणाली बनानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की स्वतंत्र जांच की मांग कर रही याचिकाओं पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कन्नड़ साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की पत्नी द्वारा दायर एसआईटी जांच की याचिका पर इन सभी को 6 हफ्तों के भीतर जवाब देने को कहा है.
गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्रनेता उमर ख़ालिद ने भीमा-कोरेगांव हिंसा के संबंध में भड़काऊ भाषण देने के आरोपों को नकारा.
महाराष्ट्र के सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्सों में बाहर का खाना ले जाने की मनाही के नियम को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.
महाराष्ट्र के पुणे ज़िले के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा को लेकर जिग्नेश मेवाणी और उमर ख़ालिद के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज.
जन गण मन की बात की 174वीं कड़ी में विनोद दुआ महाराष्ट्र के पुणे ज़िले में हुई भीमा-कोरेगांव हिंसा पर चर्चा कर रहे हैं.
जब भी दलित अपने आत्मसम्मान की बात करते हैं तो मौजूदा सरकार का रवैया हमेशा नकारात्मक दिखता है.
पुणे पुलिस ने हिंसा भड़काने के आरोप में हिंदुवादी संगठनों के दो नेताओं के ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए. मुंबई शहर में 100 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया.
आपातकाल के दौरान जेल जाने वालों को स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिए जाने के महाराष्ट्र की भाजपा सरकार के फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है.