मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का मामला. बीते 21 अप्रैल को राज्य के रायसेन ज़िले में एक महिला ने संक्रमण के कारण अपनी मां की मौत से दुखी होकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी. इसी दिन देवास में छह दिन के अंदर वायरस से 75 वर्षीय एक महिला एवं उनके दो बेटों की मौत से दुखी होकर महिला की छोटी बहू ने जान दे दी थी.
मध्य प्रदेश के रायसेन और देवास ज़िले का मामला. रायसेन में एक महिला ने कोरोना वायरस के कारण अपनी मां की मौत से दुखी होकर कथित रूप से चौथी मंज़िल से कूदकर आत्महत्या कर ली. वहीं, देवास में छह दिन के अंदर संक्रमण से एक परिवार के तीन सदस्यों की मौत से दुखी होकर एक महिला ने कथित रूप से फ़ांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
वीडियो: कोरोना महामारी आ जाने से देश में कई व्यापार ठप हो गए हैं. भारत में सेक्स-वर्क ग़ैरक़ानूनी नहीं है, लेकिन कोरोना वायरस ने इसे लगभग ख़त्म कर दिया है, जिसके चलते दिल्ली के जीबी रोड की सेक्स वर्कर काफ़ी परेशान हैं और वो दिल्ली सरकार से मांग कर रही हैं कि अगर इसके अलावा भी कोई काम मिले तो वो करने को तैयार हैं.
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के लिए अपने शरीर पर अधिकारहीनता की स्थिति कोरोना वायरस महामारी के कारण और भी ज़्यादा बदतर हुई है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि महामारी के कारण पिछले वर्ष लिंग आधारित हिंसा में बढ़ोतरी देखी गई और कई देशों में यौन हिंसा को युद्ध की क्रूर युक्ति एवं राजनीतिक दमन के तौर पर इस्तेमाल किया गया.
वीडियो: अनुच्छेद 15 (3) राज्य को यह आधिकार देता है, कि महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष क़ानून बना पाए. भारत में महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन को मद्देनजर रखते हुए, यदि सरकारें कोई भी ऐसा क़ानून बनाती है, जिससे महिलाओं का उत्थान हो सके, तो वह अनुच्छेद 15 (3) के तहत संविधानिक माना जाएगा और अनुच्छेद 15 (1) का अपवाद माना जाएगा.
वैसे यह देश सुबह-शाम तक स्त्री महिमा का गायन करता है, लेकिन सच में यहां की न्यायपालिका, विधायिका, कार्यपालिका, मीडिया और जन लोक... सबके सब पूरी ताक़त से स्त्रियों के विरोध में जुट पड़ते हैं. फिर भले वह सोनिया हो, वसुंधरा राजे हो या फिर ममता बनर्जी... वे विवेकहीन लोक का प्रहार झेलती ही हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़िता के भाई की अर्ज़ी पर चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति सुनवाई की कार्यवाही को प्रभावित करने की कोशिश करेगा या पीड़िता के परिजनों व गवाहों के जीवन, स्वतंत्रता व संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करेगा तो उसके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई होगी और अदालती अवमानना की कार्यवाही भी चलाई जाएगी.
रामनगर में एक कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अगर लोगों को कोविड-19 के दौरान अधिक राशन पाना था तो दो से ज़्यादा बच्चे पैदा करते. इसी कार्यक्रम में रावत ने कहा कि भारत 200 साल अमेरिका का ग़ुलाम था और अब कोविड-19 ने उसकी शक्ति को भी कम कर दिया.
हाल ही में उत्तराखंड का मुख्यमंत्री पद संभालने वाले तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि फटी जींस पहनने वाली महिला क्या संस्कार देगी. रावत ने कहा था कि घुटने दिखाना, रिप्ड जींस पहनना अमीर बच्चों की तरह दिखना है, घुटनों पर फटी जींस पहनकर ख़ुद को बड़े बाप का बेटा समझते हैं. ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं.
बाल अधिकारों पर हो रही एक वर्कशॉप में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अब हम अपने बच्चों को ‘कैंची से संस्कार’ दे रहे हैं, घुटने दिखाना, रिप्ड जींस पहनना... घुटनों पर फटी जींस पहनकर ख़ुद को बड़े बाप का बेटा समझते हैं. ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठतम जजों में से एक जस्टिस इंदु मल्होत्रा की सेवानिवृत्ति पर आयोजित एक कार्यक्रम में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश की विविधता अदालतों में भी झलकनी चाहिए. वैविध्य भरी न्यायपालिका लोगों में अधिक विश्वास की भावना लाती है.
राजपूत समुदाय की खाप पंचायत ने कहा कि जींस आदि परिधान पश्चिमी संस्कृति का हिस्सा हैं और महिलाओं को साड़ी, घाघरा तथा सलवार-कमीज जैसे पांरपरिक भारतीय वस्त्र पहनना चाहिए. पंचायत ने चेतावनी भी दी है कि जो भी इसका उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उन्हें दंडित और बहिष्कृत किया जा सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह अध्ययन महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा पर सबसे बड़ा अध्ययन है. इसमें 2010 से 2018 की अवधि को शामिल किया गया है. रिपोर्ट में अंतरंग साथी द्वारा हिंसा को महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा का सबसे अधिक व्याप्त रूप बताया गया है, जिससे 64 करोड़ से ज़्यादा महिलाएं प्रभावित हैं.
साक्षात्कार: महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराधों, सीमित किए जा रहे अधिकारों के बीच उनसे संबंधित मुद्दों पर बात करने की ज़रूरत और बढ़ गई है. देश में महिलाओं की वर्तमान परिस्थितियों को लेकर बीते पांच दशकों से महिला आंदोलनों का हिस्सा रहीं वरिष्ठ अर्थशास्त्री निर्मला बनर्जी से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.
बीते दिनों मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे द्वारा एक बलात्कार के आरोपी से पूछा गया था कि क्या वह पीड़िता से विवाह करना चाहता है. इसे लेकर काफी आलोचना हुई थी और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने उनके इस्तीफ़े की भी मांग की थी. अब सीजेआई बोबडे ने कहा है कि अदालत ने ऐसा आदेश नहीं दिया था, बस पूछा था.