घटना महोबा की है, जहां हाल ही में ग्राम प्रधान बनीं एक दलित महिला ने आरोप लगाया है कि गांव के पंचायत भवन में ज़िले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. उन्हें कुर्सी से उतरने को कहते हुए जातिसूचक टिप्पणियां भी की गईं.
उत्तर प्रदेश के महोबा ज़िले का मामला. अधिकारियों ने परिजनों के हवाले से बताया कि किसान पर साहूकारों का तीन लाख रुपये क़र्ज़ भी था.
आठ सितंबर को महोबा के तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार के ख़िलाफ़ रिश्वत मांगने का आरोप लगाने के कुछ ही घंटे बाद कारोबारी को गोली मार दी गई थी. इसके बाद एसपी को निलंबित कर उनके ख़िलाफ़ हत्या के प्रसास का केस दर्ज किया गया था. अब मृत व्यवसायी के बड़े भाई ने कहा है कि एफआईआर में अब तक हत्या की धारा नहीं जोड़ी गई है.
फसलों के उचित मूल्य और कर्ज माफी को लेकर राजस्थान के किसान सड़क पर उतरे. मध्य प्रदेश में आत्महत्याओं का आंकड़ा पहुंचा 60 के पार.