2008 में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे पर टिप्पणी करते हुए भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि जब मैं वहां गई तो इसके सूतक लग गया, सवा महीने बाद जब इसे आतंकवादियों ने मारा, तब उसका अंत हुआ.
महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में हुए बम विस्फोट में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक आरोपी हैं. वह फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं.
आरोपियों से मिलने के बारे में कर्नल पुरोहित ने अपने नए बयान में कहा कि वे जिससे भी मिले, सेना के ख़ुफिया अधिकारी के बतौर मिले.
विशेष अदालत ने कहा कि वह एनआईए का यह तर्क मानती है कि आरोपियों ने हिंदू राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से बम धमाके को अंजाम देने की साज़िश रची थी.
एनआईए ने पुरोहित को ज़मानत देने का विरोध करते हुए कहा था कि उनके पास पुरोहित के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत हैं.
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत दे दी लेकिन सह आरोपी और पूर्व कर्नल प्रसाद पुरोहित को कोई राहत देने से इनकार कर दिया.