फारसी भाषा में इसे सिनेमा मशीन कहते हैं. कार पार्किंग में ही एक पर्दा लगा होता है और दर्शकों को फिल्म की आवाज़ उनकी कार में मौजूद एफएम रेडियो स्टेशन के ज़रिये सुनाई देती है. 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद ड्राइव-इन थियेटर की सुविधा ईरान में बंद कर दी गई थी.