इस 11 दिन के ख़ूनी संघर्ष में ग़ाज़ा पट्टी में बड़े पैमाने पर बर्बादी हुई, इज़रायल के अधिकांश हिस्सों में जीवन थम गया था और दोनों तरफ के 200 से अधिक लोगों की जानें गईं. 19 मई तक इस संघर्ष में 208 फ़लस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जिनमें क़रीब 60 बच्चे शामिल हैं. वहीं इज़रायल में भी दो बच्चों सहित 12 लोगों की जान गई है.
रविवार को इजरायल ने गाजा में पिछले एक हफ़्ते में सबसे घातक हमला किया, जिसमें आठ बच्चों सहित 26 फ़लस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई. इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार शाम को कहा कि जब तक ज़रूरत पड़ेगी तब तक यह अभियान जारी रहेगा.
इज़राइल और उग्रवादी संगठन हमास के बीच जारी लड़ाई के दौरान वेस्ट बैंक में भी फ़लस्तीनियों ने व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन किया और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कई शहरों में इज़राइली सेना के साथ झड़प की. इस दौरान इज़राइली सेना की कार्रवाई में कम से कम 11 लोग मारे गए हैं.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मिस्र में बीते चार साल से मीडिया घरानों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है, असंतुष्ट आवाजों को इस हद तक दबाया जा रहा है कि वहां पत्रकार होना एक अपराध बन गया है.
सोमवार को मोहम्मद मुर्सी जासूसी के आरोप में अदालत की सुनवाई में हिस्सा ले रहे थे. तभी वह अचानक बेहोश हो गए और दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.
फिलिस्तान पर मोदी सरकार के बदले रुख़ का अर्थ यह है कि इज़रायल के फिलिस्तीनी ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़े को लेकर भारत का रवैया नरम हो गया है.
आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट द्वारा देश के दो गिरिजाघरों पर किए गए शक्तिशाली बम हमलों के बाद राष्ट्रपति ने घोषणा की.