उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने बताया कि पंचायत चुनाव की ड्यूटी में कोविड संक्रमित होने के बाद 75 ज़िलों के 1,621 शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों व कर्मचारियों ने जान गंवाई है. संघ ने इनके नामों की सूची मुख्यमंत्री को भेजते हुए परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद व आश्रितों को नौकरी देने की मांग की है.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले का मामला. प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिला महासचिव ने कहा कि पिछले साल से चौबीसों घंटे काम करने के बावजूद हमें नियमित रूप से परेशान किया जा रहा है और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जेल भेजने की धमकी भी दी जा रही है. वे हम पर ज़िम्मेदारी से काम नहीं करने का झूठा आरोप लगाकर डांटते हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह ज़िले गोरखपुर और आस-पास के तीन ज़िलों- देवरिया, महराजगंज और कुशीनगर में कोरोना की दूसरी तीव्र लहर के बीच स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बुरे हाल हैं. प्रदेश सरकार स्थिति नियंत्रण में होने की बात कह रही है, लेकिन ख़ुद सरकारी आंकड़े इसके उलट इशारा कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में लखनऊ पुलिस एक थाई युवती की मौत की जांच कर रही है, जिसकी कोरोना संक्रमण से तीन मई को मौत हो गई. इसके बाद सपा नेता आईपी सिंह ने मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि महिला कॉलगर्ल थीं और उन्हें भाजपा सांसद संजय सेठ के बेटे ने लखनऊ बुलाया था.
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान चुनाव अधिकारियों की मौत के मसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग की ओर से जानबूझकर उस व्यक्ति को आरटी-पीसीआर जांच के बिना ड्यूटी के लिए बाध्य करने के चलते मुआवज़ा राशि कम से कम एक करोड़ रुपये होनी चाहिए.
कोरोना की पहली लहर देश के ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत प्रभावित नहीं कर पाई थी, लेकिन दूसरी लहर शोक का सागर लेकर आई है. बीते एक पखवाड़े में पूर्वांचल के गांवों में हर दिन कई लोग बुखार, खांसी व सांस की तकलीफ़ के बाद जान गंवा रहे हैं. जांच के अभाव में इन्हें कोरोना से हुई मौतों के तौर पर दर्ज नहीं किया गया है.
देशभर में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मरीज़ों को समय पर वेंटिलेटर न मिलने की बात सामने आ रही है, वहीं उत्तर प्रदेश के दर्जन भर से अधिक ज़िलों के अस्पतालों में प्रशिक्षित स्टाफ की कमी या ऑक्सीजन का उचित दबाव न होने जैसी कई वजहों के चलते उपलब्ध वेंटिलेटर्स ही काम में नहीं आ रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के अलग-अलग ज़िलों से लगातार पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण, मतदान और मतगणना में शामिल रहे शिक्षकों, कर्मचारियों, शिक्षा मित्रों आदि के कोविड संक्रमित होने और जान गंवाने की ख़बरें आ रही हैं. अधिकतर के परिजन अपने क़रीबियों को खोने का ज़िम्मेदार पंचायत चुनाव की ड्यूटी को ही मान रहे हैं.
गर्भवती होने के बावजूद श्रावस्ती ज़िले की सहायक अध्यापक संगीता सिंह की पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगाई गई, जिसके प्रशिक्षण के दौरान वे कोरोना संक्रमित हो गईं. इस बीच उनके ड्यूटी हटवाने के तमाम प्रयास विफल रहे और उनकी हालत बिगड़ती गई. 17 अप्रैल को संगीता ने बाराबंकी के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया.
कोविड संक्रमण के प्रकोप के बीच उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की मतगणना रोकने से इनकार करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि पूरे राज्य में इस दौरान सख़्त कर्फ्यू रहेगा, जो मंगलवार सुबह तक लागू होगा. साथ ही सरकारी अधिकारियों, उम्मीदवारों और उनके एजेंट को मतगणना केंद्र में प्रवेश से पहले कोविड की आरटी-पीसीआर जांच में नेगेटिव होने का प्रमाण दिखाना होगा.
उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ और कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी एवं पेंशनर्स अधिकार मंच ने राज्य निर्वाचन आयोग पर पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को कोरोना महामारी से बचाने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए दो मई को होने वाली मतगणना का बहिष्कार कर दिया है.
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्य चुनाव आयोग और बेसिक शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में बताया है कि पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित हुए 706 प्राथमिक शिक्षकों और बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की जान गई है. संघ ने मतगणना टालने की मांग की है.
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर रहे कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत की ख़बरों पर संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग की आलोचना की और पूछा कि महामारी संबंधी नियमों का पालन करवाने में विफल होने पर क्यों उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.
पंचायत चुनाव में ड्यूटी के बाद बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित हो रहे शिक्षकों की स्थिति के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ की गोरखपुर इकाई ने ज़िला प्रशासन से मांग की है कि मतगणना में जिन प्राथमिक शिक्षकों की ड्यूटी लगी है, उनकी आरटी-पीसीआर जांच हो और उन्हें पीपीई किट दिए जाएं.
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के तीन चरण बीतने के बाद चुनावी ड्यूटी करने वाले कर्मचारी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित हुए हैं. ख़बरों के अनुसार, चुनाव में ड्यूटी कर चुके 135 शिक्षक, शिक्षा मित्र और अनुदेशक कोविड संक्रमण के चलते जान गंवा चुके हैं, वहीं अन्य कई विभागों के कर्मचारी भी इस संक्रमण से जूझ रहे हैं.