दिल्ली के नीरज कुमार का कहना है कि उनके कोरोना संक्रमित पिता को जनकपुरी के एक अस्पताल से लाकर एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती किया गया था. अस्पताल के सभी वार्ड चेक करने पर भी उनके पिता नहीं मिले और न ही अस्पताल प्रशासन से पूछने पर उन्हें सीधा जवाब दिया गया. इसी अस्पताल में एक कोविड मरीज़ के शव की अदला-बदली होने का मामला भी सामने आया है.
यह अर्थी कितना कुछ मांगती है! चार मज़बूत कंधे और वह भी लगभग बराबर ऊंचाई के. इसकी आड़ लेकर लोगों को बेटा चाहिए. उसी के कंधे का आसरा खोजा जाता है.