तीन अखाड़ों के संतों ने कहा, जब तक यमुना साफ नहीं होगी, शाही स्नान में भाग नहीं लेंगे

मथुरा में चल रहे वृंदावन कुंभ के पहले शाही स्नान के दौरान यमुना का प्रदूषण देखते हुए महानिर्वाणी अखाड़े के प्रमुख महंत धर्मदास ने अगले तीनों शाही स्नान के बहिष्कार की घोषणा की है, जिसे महा निर्मोही और महा दिगंबर अखाड़ों के प्रमुखों ने भी सहमति दी है.

दिल्ली: यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ा, प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान करने को कहा गया

यमुना निगरानी समिति ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान कर 10 जनवरी तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है. यह निर्देश ऐसे वक़्त आया है, जब दिल्ली जल बोर्ड ने आरोप लगाया है कि बार-बार कहने के बावजूद हरियाणा ने उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी का बहाव रोकने के लिए क़दम नहीं उठाया है.

लॉकडाउन के दौरान गंगा समेत पांच प्रमुख नदियों के जल की गुणवत्ता में गिरावट: रिपोर्ट

प्रमुख नदियों में पानी की गुणवत्ता पर लॉकडाउन के प्रभाव पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि नदियों के पानी की गुणवत्ता में सुधार न होने की वजह अशोधित अवजल को नदियों में छोड़ा जाना और पहाड़ों से ताज़ा पानी न आना है.

यमुना को पुनर्जीवित करने के लिए जल समझौते पर दोबारा काम करने की ज़रूरत: एनजीटी समिति

एनजीटी द्वारा गठित यमुना निगरानी समिति ने यह भी कहा है कि राज्यों को यमुना के कम पानी और संरक्षण पर ध्यान देना होगा. इसके लिए हो सकता है कि राज्यों को कम पानी में काम चलाना पड़े.

यमुना में अशोधित जल-मल गिराने के एवज़ में दिल्ली के सभी मकानों से सीवेज शुल्क ले सरकार: एनजीटी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा साल 2015 में दिए एक फ़ैसले का हवाला देते हुए एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा कि प्रदूषित पानी छोड़कर पानी को गंदा करने वाले दिल्ली के रहवासियों से पर्यावरणीय मुआवज़ा वसूल किया जाए.

दिल्ली में हरे पेड़ों की कटाई का हल नए पौधे लगाना नहीं है

हरे पेड़ों को काटने के एवज में नए पेड़ लगाना ऐसी एजेंसियों का पसंदीदा हथियार है, जो समाज और पर्यावरण को बड़े पैमाने पर नुकसान की कीमत पर भी विकास को बढ़ावा देना चाहती हैं. उनका मानना है कि पारिस्थितिकी बदलना शहरी विकास के वर्तमान तरीकों को बदलने से ज़्यादा आसान है.

यमुना तट को हुए नुकसान के लिए आर्ट ऑफ लिविंग ज़िम्मेदार: एनजीटी

एनजीटी ने कहा, अगर यमुना को हुए नुकसान की भरपाई में आने वाला ख़र्च पांच करोड़ से ज़्यादा होता है तो उसे आर्ट आॅफ लिविंग से वसूला जाएगा.

गंगा-यमुना को जीवित मानने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ दलील दी थी कि ये नदियां कई अन्य राज्यों से होकर भी बहती हैं. ऐसे में इन नदियों की ज़िम्मेदारी केवल उत्तराखंड को नहीं दी जा सकती.

गंगा-यमुना के जीवित इकाई के दर्जे के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट पहुंची उत्तराखंड सरकार

राज्य सरकार ने सवाल उठाया है कि बाढ़ में जनहानि होने पर क्या प्रभावित व्यक्ति इन नदियों के अभिभावक बनाए गए अधिकारी के ख़िलाफ़ नुकसान के लिये मुकदमा दर्ज करा सकता है या ऐसे वित्तीय बोझ को उठाने के लिये राज्य सरकार ज़िम्मेदार होगी.