जिस हिंदुस्तान में हम रह रहे हैं, उसमें इंसाफ़ की जगह बदले ने ले ली है यशपाल सक्सेना, अकरम हबीब और मौलाना रशीदी ने बदले की कार्रवाई के बजाय इंसाफ़ को तरजीह दी है. 03/04/2018
हमारी फेल राजनीति के पास धार्मिक उन्माद ही आखिरी हथियार बचा है आपकी लड़ाई हिंदू या मुसलमान से नहीं है, उस नेता और राजनीति से है जो आपको भेड़ बकरियों की तरह हिंदू-मुसलमान के फ़साद में इस्तेमाल करना चाहता है. 30/03/2018