किस दिन, किस मुहूर्त में लेखक बना, याद नहीं न इसका जरा भी भान हुआ. बस याद रही इस यात्रा की वो सारी बातें जो खुद में एक उपन्यास है.
किस दिन, किस मुहूर्त में लेखक बना, याद नहीं न इसका जरा भी भान हुआ. बस याद रही इस यात्रा की वो सारी बातें जो खुद में एक उपन्यास है.