अंग्रेज़ी प्रभावशाली भाषा है, मगर इसकी पहुंच सीमित है. क्षेत्रीय भाषाओं के पत्रकार असली असर पैदा कर सकते हैं. छोटे शहरों के ऐसे कई साहसी पत्रकार हैं, जिन्होंने अपने साहस की क़ीमत अपनी जान देकर चुकाई है.
आम आदमी पार्टी से जुड़े आशीष खेतान का कहना है, यूपीए सरकार भले ही अयोग्य रही हो, वह इन समूहों की विचारधारा से इत्तेफ़ाक नहीं रखती थी, लेकिन वर्तमान सत्ता को इन्हीं समूहों से समर्थन मिलता है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आयोजित एक समारोह में नायडू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.
भैरोसिंह शेखावत के बाद संघ से आने वाले नायडू दूसरे राजनेता हैं जो उपराष्ट्रपति बने हैं. उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को 272 वोटों से हराया.
चारा घोटाले में दोषी पाए गए लालू के साथ गठबंधन बनाते समय नीतीश का भ्रष्टाचार विरोधी छवि का ख्याल कहां चला गया था. 2015 के बाद बिहार में घटी हर छोटी-बड़ी घटना को लेकर लालू-नीतीश की इस सियासी दोस्ती पर सवाल उठे, लेकिन नीतीश ने चुप्पी साध रखी थी.
किसी व्यक्ति या संस्थान के व्यक्तित्व को कुछ शब्दों में परिभाषित किया जा सकता है. ‘वंशवाद’ शब्द से सीधे कांग्रेस हमारे दिमाग मे आती है. भ्रष्टाचार शब्द से यूपीए हमारे दिमाग में आता है. वहीं फेक या फ़र्जी शब्द अब भाजपा की मिल्कियत बनता जा रहा है.
दशकों से उत्तर-पूर्व और कश्मीर के मीडिया संस्थान अपनी आज़ादी की लड़ाई राष्ट्रीय मीडिया के समर्थन के बगैर लड़ रहे हैं.
बिड़ला-सहारा डायरी केस और कालिखो पुल सुसाइड मामले में न्यायपालिका पर सवाल उठाता वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के लेख का आॅडियो.
वह समय आ चुका है जब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को गंभीरता से विचार-विमर्श करके इन दस्तावेजों की विस्तृत जांच के लिए कोई रास्ता निकालने के बारे में सोचना चाहिए.
नरेंद्र मोदी के पूरे प्रशासनिक-राजनीतिक सफर पर निगाह डालें तो पाएंगे कि मोदी खुद रेनकोट पहनकर नहाने की कला में मनमोहन सिंह से ज्यादा माहिर हैं.