किसानों का आरोप है कि पुणे और मुंबई में मौसम विभाग के अधिकारियों ने बीज और कीटनाशक विनिर्माता कंपनियों के साथ गठजोड़ कर किसानों को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया है क्योंकि किसान भविष्यवाणियों के आधार पर ही बुआई करते हैं.
शिवसेना ने कहा कि गोवा, कर्नाटक की सरकारें दूध किसानों को पांच रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी देती हैं तो अगर महाराष्ट्र के किसान भी ऐसी ही राहत की मांग करते हैं, तो इसमें गलत क्या है.
दूध की कीमत में पांच रुपये की वृद्धि और इससे बनने वाले पाउडर को अनुदान देने की है मांग. कई जगहों में दूध के टैंकरों का आवागमन बाधित किया. विपक्ष ने समर्थन में किया सदन से बर्हिगमन.
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री ने बताया कि प्राथमिक शिक्षा में अनुसूचित जाति के बच्चों की औसत ड्रॉप आउट दर 4.46, अनुसूचित जनजाति की 6.93 और मुस्लिम समुदाय की 6.54 फीसदी है.
20 नवंबर को कृषि उत्पादों के लाभकारी मूल्य, ऋण माफी और अन्य मांगों को लेकर दिल्ली में होगी किसान मुक्ति संसद.